समाजवादी चिन्तक दीपक मिश्र को मिला “हिन्दी जन दूत“ सम्मान

लखनऊ: समाजवादी चिन्तक, बौद्धिक सभा के अध्यक्ष एवं समाजवादी सेकुलर मोर्चा के प्रवक्ता दीपक मिश्र को हिन्दी शिक्षक संघ ने हिन्दी दिवस के उपलक्ष्य में हिन्दी “जन दूत विभूषण“ से विभूषित करने की घोषणा की है। विभूषण सम्मान हिन्दी पखवाड़ा के अन्तिम दिन 28 सितम्बर, 2018 तद्नुसार भाद्रपद कृष्ण पक्ष तृतीया संवत् 2075 शिक्षक संघ के झण्डेवालान, नई दिल्ली स्थित शिविर कार्यालय पर समारोह पूर्वक होगा। यह घोषणा हिन्दी शिक्षक संघ के अध्यक्ष दीपक राय ने की है। श्री राय के अनुसार दीपक मिश्र ने संयुक्त राष्ट्र संघ मंे हिन्दी को आधिकारिक दर्जा दिलाने के लिए लगभग दो दशक से सतत् संघर्ष व यायावरी कर रहे हैं। हिन्दी के लिए वैश्विक स्तर व्यापक पैमाने पर अभियान चलाने के लिए श्री मिश्र को “हिन्दी जन दूत“ सम्मान दिया जा रहा है। दीपक मिश्र द्वारा हिन्दी के लिए चलाया जा रहा वैश्विक समर्थन अभियान सभी हिन्दीजनों के लिए प्रेरणा का श्रोत है। संयुक्त राष्ट्र संघ का हिन्दी में सोशल मीडिया (ट्वीटर, फेसबुक व इंस्ट्राग्राम) पर आने में दीपक के अभियान की महती भूमिका है। हिन्दी के पक्ष में दीपक लगभग 41 देशों की यात्रा कर व्यापक समर्थन जुटा चुके हैं। हिन्दी के लिए श्री मिश्र द्वारा सात लाख से अधिक खुला-खत व पम्फलेट प्रकाशित कर बंटवाया जा चुका है। हिन्दी शिक्षक संघ श्री मिश्र को प्रशस्ति-पत्र, हिन्दी साहित्य व सवा लाख रूपये की अनुग्रह राशि प्रदान करेगा।
श्री मिश्र ने हिन्दी शिक्षक संघ को सम्मान व समर्थन के लिए धन्यवाद देते हुए कहा है कि हिन्दी को संयुक्त राष्ट्र संघ की आधिकारिक भाषा का दर्जा दिलाये बिना वैश्विक हिन्दी अभियान नहीं थमेगा। अफ्रीका के प्रतिष्ठित मण्डेला सम्मान के बाद इस विभूषण से उन्हें काफी मनोवैज्ञानिक बल मिला है। हिन्दी के लिए वैचारिक व सांस्कृतिक संघर्ष के अतिरिक्त राजनीतिक मंचों पर भी निर्णायक लड़ाई लड़ने का समय आ गया है। समाजवादी सेकुलर मोर्चा हिन्दी के व अन्य भारतीय की लड़ाई राजनीतिक मंचों पर लड़ेगा और लोहिया के हिन्दी अभियान को पूरी प्रतिबद्धता से आगे बढ़ायेगा। हिन्दी में जब तक राजकाज व न्यायिक कार्य बड़े पैमाने पर नहीं होगा, हिन्दी उपेक्षित रहेगी। गैर हिन्दी भाषी भारतीय भी हिन्दी को ही भारतीय संस्कृति की प्रतिनिधि भाषा मानते हैं। नेता जी सुभाष चन्द्र बोस आजाद हिन्द सरकार की राष्ट्रीय भाषा हिन्दी को ही घोषित किया था जबकि उनकी मातृभाषा बंगला व उड़िया थी। सामंती भाषा में लोकराज नहीं चल सकता। सेकुलर मोर्चा लोहिया के “सामंती बनाम लोकसभा“ बहस पर हिन्दी पखवाड़ा के दौरान परिचर्चाओं का आयोजन करेगी।