लखनऊ: एक महीने में 6 बार प्रधानमंत्री का उ0प्र0 आना मोदी के चुनावी हड़बड़ाहट और सीएम योगी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। उ0प्र0 में पिछले 24 घण्टे में 40 से ज्यादा मौतों के ऊपर बजाए संवेदना व्यक्त करने के नरेन्द्र मोदी जी जश्न मना रहे हैं। श्रावण मास आते ही जुमलों की बारिश फिर शुरू हो गयी और झूठ बोलने की प्रतिस्पर्धा योगी और मोदी सरकार के बीच हो रही है।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सैफ नक़वी ने कहा कि जिस स्मार्ट सिटी की परियोजना उ0प्र0 में मोदी जी लागू कर रहे हैं वह हिन्दुस्तान की 17 प्रतिशत आबादी जो उ0प्र0 में रहती है उसके साथ में एक घोर अन्याय है। उ0प्र0 के मात्र 12 शहर को इनमें शामिल किया गया है। हैरत तब होती है जब स्मार्ट सिटी को पुरस्कृत करने की बारी आती है तेा इसमें उ0प्र0 का केाई शहर नहीं पुरस्कृत होता। स्मार्ट सिटी के अन्तर्गत तीन हजार परियोजनाओं में 1908 परियोजनाओं में सिर्फ डीबीआर बन पायी है। कनार्टक में देवगिरि, पुणे, जयपुर और बनारस में स्मार्ट सिटी के नाम पर 600 मंदिर तोड़े गये जिससे लोगों की आस्था पर ठेस पहंुची है। मुरादाबाद, अलीगढ़, सहारनपुर, बरेली, झांसी, कानपुर, इलाहाबाद, लखनऊ, बनारस, गाजियाबाद, आगरा, रामपुर जैसे शहरों को स्मार्ट सिटी में शामिल करके मोदी जी ने उ0प्र0 के कई अन्य शहरों को ठेंगा दिखाने का काम किया है। मोदी जी ने अमेठी का फूड पार्क और रायबरेली का रेल कोच फैक्ट्री छीनकर हजारों नौजवानों के रोजगार से महरूम कर दिया।

स्मार्ट सिटी के नाम पर सिर्फ चाइनीज झालर लगाई गयी है यह प्रधानमंत्री के छप्पन इंच की इच्छाशक्ति को दिखाता है जो कहते थे कि चीन को लाल आंख दिखायेंगे और भारतीय सेना का अपमान है जो डोकलाम में बराबर डटी रही और प्रधानमंत्री जी देश में झालर लगवाते रहे।

अमृत योजना के अन्तर्गत जिस तरीके से भ्रष्टाचार बनारस से लेकर गोरखपुर तक अपने चरम पर है यह अन्देशा लगता है कि यह सरकार अपने चहेते ठेकेदारों और सिर्फ सूट-बूट की सरकार बनकर रह गयी है। मोदी जी विफलता का और योगी जी विगड़ती कानून व्यवस्था का ख्याल न करते हुए सिर्फ भाजपा को माइक, माला और मंच की पार्टी बनाकर रख छोड़े हैं। अपने उ0प्र0 के घोषणापत्र में 90 प्रतिशत रोजगार युवाओं को देने का वादा करने वाले आज रोजगार के नाम पर मुंह छिपाते फिर रहे हैं। सरकार बनने के 90 दिनों में रिक्त सरकारी पदों पर युवाओं की बहाली के वादे को अब भाजपा भूल चुकी है। घोषणापत्र में एक हजार करोड़ के स्टार्ट अप कैपिटल फण्ड का अब तक कोई अता-पता नहीं है। योगी जी ने पांच वर्ष में सत्तर लाख रोजगार और मोदी जी ने दो करोड़ रोजगार साल में जो देने का वादा किया था वह अब जुमला बन चुका है। प्रधानमंत्री का गोद लिया गया गांव जयापुर भाजपा के चाल-चरित्र और चेहरे की जिन्दा मिसाल है।

रविवार को मन की बात करने वाले प्रधानमंत्री ने झूठ के नये पुलिन्दे बोलकर जनता को फिर से गुमराह करने की कोशिश की है। वह थाईलैण्ड की बात करते हैं लेकिन बनारस में गिरे हुए पुल की बात नहीं करते हैं। वह गोपाल दास नीरज की बात करते हैं पर प्रख्यात कवियों से यश भारती अवार्ड की पेंशन रोककर उनका शोषण के बारे में नहीं बताते हैं। प्रधानमंत्री ने कई मेधावी छात्रों को शुभकामनाएं दीं पर उच्च शिक्षा में बढ़ी हुई फीसों के बारे में कुछ नहीं बोला। डिजिटल क्रान्ति के जनक राजीव गांधी जी ने जो सपना भारत के लिए देखा था वह आज के कम्प्यूट्रीकरण युग साकार कर रहा है। प्रधानमंत्री की उदासीनता इस बात से साबित होती है कि वह मन की बात तो करते हैं पर जन की बात करने से कतरा जाते हैं। प्रधानमंत्री ने ये कबूल किया कि वह भागीदार हैं पर क्या वह देश के वफादार हैं इस पर एक प्रश्नचिन्ह है। देश की जनता आज भी पन्द्रह लाख रूपये अपने बैंक एकाउण्ट में आने का इन्तजार कर रही है। नोटबन्दी से हुए सवा तीन करोड़ एमएसएमई सेक्टर की नौकरियां जो चली गयीं आज नौजवान सड़कों पर है। देश के ऊपर गब्बर सिंह टैक्स(जीएसटी) लगाकर नरेन्द्र मोदी ने अपने उद्योगपति दोस्तों को खुश करने के लिए देश के छोटे कारोबारियों को खत्म करने का काम किया है।

यह इन्वेस्टर्स समिट अपने सूट-बूट वाले दोस्तों को भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुफ्त में जमीनें देने की एक सुनियोजित साजिश है। देश और प्रदेश की चरमराती हुई आर्थिक स्थिति और पान-पकौड़े और चाय की राजनीति करने वाले उत्तर प्रदेश की बदहाली के मुख्य रूप से मुल्जिम हैं। शिलान्यास और लेाकार्पण सिर्फ चुनाव में जनता की आंखों में धूल झोंकने का कार्य कर रहे हैं। तेल का दाम डालर 70 पार, मंहगाई दर में बढ़ोत्तरी और जीडीपी में गिरावट योगी और मोदी को नजर नहीं आ रही है। कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश के बदलते हुए वायुमण्डल को देखते हुए भाजपा को यह सचेत करना चाहती है कि आम आदमी और युवा आज आपसे हिसाब चाहता है कृपया जुमलों की बारिश और झूठ तन्त्र को खत्म करें क्येांकि देश आपके किये हुए कुकर्मों को अब माफ नहीं करेगा। 2019 में भाजपा और साम्प्रदायिक ताकतों का सफाया लगभग तय है और देश को इस विकट परिस्थिति से निकालने के लिए कांग्रेस और उसके सहयोगी दल प्रतिबद्ध हैं।