नई दिल्ली : जम्मू एंड कश्मीर में भाजपा औ पीडीपी के बीच गठबंधन पिछले महीने जून में टूट चुका है. अब इस गठबंधन पर पहली बार जम्मू कश्मीर की पहली महिला चीफ मिनिस्टर रह चुकीं महबूबा मुफ्ती ने अपना रुख साफ किया है. उन्होंने कहा है कि वह कभी भी इस गठबंधन के पक्ष में नहीं थीं. महबूबा ने कहा, जब उनके पिता चुनावों के बाद भाजपा के साथ गठबंधन करने जा रहे थे, तभी से मेरे मन में इस बारे में सवाल थे. मैंने इस बारे में अपने पिता दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सैयद से बात की थी. हालांकि उन्होंने तब इस बात को नकार दिया था. उन्होंने कहा था कि वह कश्मीर के लोगों की भलाई के लिए ये गठबंधन करने जा रहे हैं.

सरकार बनाने के एक साल बाद मुफ्ती मोहम्मद सईद का निधन हो गया. इसके बाद महबूबा सीएम बनीं. हालांकि उनका कहना है कि वह सीएम नहीं बनना चाहती थीं. लेकिन अंतत: उन्हें ऐसा करना पड़ा. दो साल तक वह सीएम रहीं, लेकिन इस साल जून में भाजपा ने सरकार से समर्थन वापस ले लिया. हालांकि शुरुआत से विपक्षी दल इसे अपवित्र गठबंधन कह रहे थे.

शनिवार को महबूबा ने कहा, ये गठबंधन उनके लिए अासान नहीं था. ये एक जहर के प्याले को पीने के समान था. हालांकि इससे पहले उन पर कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने घाटी में लॉ एंड ऑर्डर की खराब स्थिति के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया. महबूबा ने कहा, हमारे प्रयासों से घाटी में रमजान के दौरान घाटी में सीजफायर हुआ. हमारी ही कोशिश थी कि भारतीय जनता पार्टी धारा 370 को टच नहीं कर पाई.

महबूबा मुफ्ती ने कहा, मैंने खुद अपने मुख्यमंत्री रहते कई बार पीएम मोदी से पाकिस्तान से अच्छे रिश्ते करने की पहल की. अब मैं उनसे अपील करती हूं कि वह पाकिस्तान में सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाले इमरान खान की ओर कोई सकारात्मक संदेश भेजें, जिससे दाेनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर हों.