नई दिल्ली: सरकार अब सभी तरह की दवाओं के दाम तय करने की दिशा में जल्द कदम उठाने जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, नीति आयोग एक फॉर्मूला तैयार कर रहा है, जिसमें ट्रेड मार्जिन के आधार पर दवाओं के दाम कंट्रोल किए जा सकेंगे. सरकार फिलहाल चुनिंदा दवाओं के दाम तय करती है. (ये भी पढ़ें- दवा कीमतों को लेकर सरकार ले सकती है अब तक का सबसे बड़ा फैसला!)

नए फॉर्मूले पर काम जारी- दवाओं की कीमत में अनियंत्रित मुनाफाखोरी को रोकने के लिए सरकार तेजी से काम कर रही है. नीति आयोग की अगुवाई में स्वास्थ्य मंत्रालय और फार्मा मंत्रालय के अधिकारी फॉर्मूला तैयार करने में जुटे हैं. नीति आयोग के सदस्य डॉ. विनोद पॉल ने कहा कि जल्द ही फॉर्मूला तैयार कर लिया जाएगा. (ये भी पढ़ें-VIDEO: सिर्फ एक मैसेज से पता करें आपकी दवा असली है या नकली!)

कंपनियां ऐसे उठाती हैं फायदा- कंपनियां एक ही सॉल्ट को अलग-अलग ब्रांड नेम से अलग-अलग प्रॉफिट मार्जिन पर अस्पतालों और रिटेलर्स को बेचते हैं. नतीजा यह होता है कि जो ब्रांच ज्यादा मुनाफा देता है, कई बार डॉक्टर और अस्पताल उसी दवा को रिकमेंड करते हैं और उसकी बिक्री बढ़ जाती है. इस कंपटीशन में मरीजों को ज्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. (ये भी पढ़ें- VIDEO: यहां से खरीदें सस्ती दवाएं, आपको होगी 60 फीसदी की बचत)

क्यों उठाया जा रहा है ये कदम- सूत्रों के मुताबिक, नीति आयोग दवाओं की कीमत को फर्स्ट प्वाइंट ऑफ सेल या यूं कहें कि बिक्री की पहली जगह पर ट्रेड मार्जिन तय करना चाहती है. इससे कंपनी और अस्पतालों की मुनाफाखोरी पर लगाम लगेगी और मरीजों को उपयुक्‍त दर पर दवाएं मुहैया की जा सकेंगी. मगर इंडस्ट्री और अस्पताल दोनों को इस पर ऐतराज है.

जरूरी दवाओं के दाम फिलहाल सरकार तय करती हैं- सरकार दवाओं की कीमत निर्धारित करने वाली संस्था एनपीपीए के माध्यम से सिर्फ जीवनरक्षक दवाओं की कीमत निर्धारित करती है. लेकिन हमारे देश में दवाओं का घरेलू उद्योग करीब 1 लाख करोड़ का है जिसका सिर्फ 17 फीसदी ही कीमत नियंत्रण के दायरे में है.