पिछले कुछ दिनों में वॉट्सऐप मैसेज की अफवाहों के चलते देश के कई हिस्‍सों में भीड़ द्वारा मारे जाने की कई घटनाएं सामने आयी. झारखंड, त्रिपुरा, आंध्र प्रदेश में भी अफवाहों के चलते भीड़ ने कई लोगों की जान ले ली. फर्जी वॉट्सऐप मैसेज के चलते एक साल में 29 लोगों की हत्याएं हो चुकी हैं. महज शक के आधार पर भीड़ ने 29 लोगों को मार दिया. ऐप से बढ़ती अफवाहों और फेक न्यूज़ को मद्देनज़र रखते हुए वॉट्सऐप अपनी ऐप में एक नए फीचर ‘Suspicious Link Detection’ पर काम कर रहा है. इस नए फीचर के ज़रिए ये पता लगाया जा सकेगा कि जो भी लिंक शेयर की जा रही है, वह वैलिड सोर्स से आ रही है या नहीं.

फिलहाल इस फीचर की टेस्टिंग वॉट्सऐप एंड्रॉयड के बीटा वर्जन 2.18.204 पर की जा रही है. WABetaInfo के मुताबिक, 'सस्पिशियस लिंक डिटेक्शन' फीचर के ज़रिए फेक न्यूज़ पहचानी जाएगी और अगर वॉट्सऐप को किसी भी लिंक पर संदेह होगा तो उसकी जानकारी वह अपने यूजर्स को देगा. उदाहरण के तौर पर जैसे ही कोई लिंक यूजर को मिलेगा जो फेक या स्पैम होगा तो उसपर वॉट्सऐप की ओर से रेड कलर के फॉन्ट में suspicious link लिखा होगा, जिससे यूज़र्स आसानी से जान सकेंगे कि लिंक फेक है.

WABetaInfo पर दी गई फोटो पर गौर करें तो इस नए फीचर के तहत अगर फेक बताई गई लिंक को यूज़र खोलने की कोशिश करते हैं तो उन्हें वॉट्सऐप अपनी ओर से सावधान करते हुए मैसेज देगा, जिसमें लिखा होगा "This link contains unusual characters. It may be trying to appear as another site."

इसके अलावा अभी हाल ही में खबर आई थी कि इसके बीटा वर्जन पर फेक न्यूज़ को फैलाने से रोकने के लिए एक और फीचर टेस्ट किया जा रहा है, जिसमें अगर कोई मैसेज यूजर को फॉरवर्ड किया जाएगा तो उसपर ऊपर की ओर 'Forwarded' लिखा रहेगा.

इसके साथ ही WhatsApp के जरिये फेक न्यूज़ फैलने को लेकर सरकार ने भी गंभीर चिंता जताई है, जिसके बाद वॉट्सऐप ने कहा है कि वह इस पर स्टडी कराएगी कि भारत में उसके मंच पर अफवाहें आग की तरह तेजी से क्यों फैल रही हैं. गौरतलब है कि व्हाट्सऐप के भारत में 20 करोड़ से ज्यादा मंथली एक्टिव यूजर्स हैं. यूजर्स की सुरक्षा समस्याओं की अपनी समझ को बेहतर बनाने पर व्हाट्सऐप ने कहा कि वह भारत में व्हाट्सऐप पर गलत जानकारी से संबंधित मुद्दों की खोज में दिलचस्पी रखने वाले शोधकर्ताओं के लिए कई तरह के पुरस्कार शुरू कर रही है.