लखनऊ: उप राष्ट्रपति श्री एम0 वेंकैया नायडू जी ने कहा कि हाल ही में की गई रैंकिंग के अनुसार भारत विश्व का छठवां ‘वेल्दी नेशन’ है। अब हमें एक ‘हेल्दी नेशन’ बनने की दिशा में काम करना है। विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों को तभी सफल माना जाएगा, जब इसका लाभ सभी तक पहुंचे। उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के लोगों को विकास का लाभ देने की दिशा में काम कर रही है। राज्य सरकार जनहित में निर्णय ले रही है, जिसका लाभ लोगों को बड़े पैमाने पर मिल रहा है।
उप राष्ट्रपति जी ने यह विचार आज यहां उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के नवनिर्मित ऊर्जा दक्ष भवन के लोकार्पण के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की प्रगति और विकास का पता वहां हो रही विद्युत खपत से लगता है। केन्द्र सरकार के अथक प्रयासों के कारण व्यापक स्तर पर देश के गांवों का विद्युतीकरण हुआ है। अब घर-घर तक बिजली पहुंचाने का काम करना है। वर्ष 2022 तक सभी घरों को 24 घण्टे निर्बाध विद्युत आपूर्ति की दिशा में काम किया जा रहा है। उन्होंने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए बिजली चोरी को रोकने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

उप राष्ट्रपति जी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तथा ऊर्जा मंत्री द्वारा प्रदेश के विद्युत क्षेत्र में किए जा रहे सुधारों और प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में विद्युत आपूर्ति की स्थिति और बेहतर होगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार ने केन्द्र से 24ग7 पावर फाॅर आॅल के लिए समझौता किया है। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति की चुनौतियों से हर हाल में निपटना होगा। निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के उद्देश्य से विद्युत उत्पादन बढ़ाना होगा। बिजली के उपयोग का मूल्य उपभोक्ता को देना होगा। मुफ्त में बिजली उपलब्ध कराना किसी के लिए सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि बिजली उत्पादन का एक महत्वपूर्ण स्रोत सौर ऊर्जा है। इस पर हमें विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि हमारे देश में साल में लम्बे समय तक सूर्य का प्रकाश उपलब्ध रहता है।

उप राष्ट्रपति जी ने पावर रेगुलेशन की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि इसका प्रयोग लोगों की सुविधा के लिए होना चाहिए, न कि उन्हें परेशान करने के लिए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद देश की बड़ी आबादी बिजली के उपयोग से वंचित रही। वर्तमान केन्द्र सरकार इस स्थिति को सुधारने की दिशा में काम कर रही है, जिसमें उसे बड़े पैमाने पर सफलता भी मिली है। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि विद्युत उपकरण बनाने वाली कम्पनियां ऊर्जा दक्ष उपकरण बनाने पर ध्यान दें, ताकि बिजली की खपत में कमी आए। ऐसे उपकरणों पर सब्सिडी देना एक बेहतर विकल्प हो सकता है। उन्होंने कहा कि इससे ‘कार्बन फुट प्रिण्ट’ पर भी लगाम लगेगी। स्मार्ट सिटी योजना के तहत ‘ग्रीन बिल्डिंग्स’ के निर्माण को तवज्जो दी जा रही है। भविष्य में ऊर्जा दक्ष भवनों का निर्माण होेने से ऊर्जा की खपत में कमी आएगी।

देश की उन्नति के लिए सभी प्रकार की कनेक्टिविटी पर बल देते हुए उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि इससे विकास को गति मिलेगी और देश तेजी से आगे बढ़ेगा। उन्होंने सभी सुविधाओं को ‘आॅनलाइन’ करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों के हित में अनेक निर्णय लेकर उन्हें लागू कर रही है, जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। किसानों से गेहूं, धान, आलू जैसी फसलों की खरीद पर समर्थन मूल्य की व्यवस्था से किसानों को काफी लाभ मिलेगा। राज्य का माहौल अब पूरी तरह से बदल चुका है। प्रदेश सरकार पर लोगों का भरोसा बढ़ा है, जिसके चलते अब उद्यमी प्रदेश में अपने उद्योग धन्धे स्थापित करने के लिए लालायित हैं। फरवरी, 2018 में आयोजित ‘यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट’ के उपरान्त बड़ी संख्या में उद्योगपतियों ने राज्य में अपनी इकाइयां स्थापित करने में रुचि दिखायी है।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्री राम नाईक जी ने कहा कि इस भवन का शिलान्यास उनके द्वारा वर्ष 2014 में किया गया था। उन्होंने कहा कि इस भवन का निर्माण 02 वर्ष में होना तय हुआ था, परन्तु इसके पूर्ण होने में लगभग 04 वर्ष का समय लग गया। कार्य समय पर पूर्ण होने से ‘काॅस्ट ओवर रन’ नहीं होती है, अन्यथा लागत बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि इन्वेस्टर्स समिट के उपरान्त उद्यमियों ने प्रदेश में अपनी इकाइयां स्थापित करने में रुचि दिखायी है, जिसका मुख्य कारण प्रदेश की बेहतर विद्युत आपूर्ति व्यवस्था और उपलब्धता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार के प्रयासों से विद्युत आपूर्ति में सुधार हुआ है और लाइन लाॅसेज में 06 प्रतिशत की कमी आयी है, जो सराहनीय है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि सत्ता में आने के बाद प्रदेश सरकार ने जनपदों में विद्युत आपूर्ति के लिए पूर्व में अपनायी जा रही पक्षपातपूर्ण नीति को समाप्त किया और प्रदेश के सभी 75 जिलों में समान रूप से विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की। अब सभी जिला मुख्यालयों को 24 घण्टे, तहसील मुख्यालयों को 20 घण्टे और ग्रामीण क्षेत्रों को 18 घण्टे बिजली दी जा रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खराब ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए शहरी क्षेत्रों में 24 घण्टे तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 48 घण्टे की अवधि निश्चित की है। राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के दौरान लगभग 38 लाख घरों को विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उत्पादन और पारेषण में संतुलन बनाने की आवश्यकता है। उन्होंने विद्युत चोरी पर नियंत्रण की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि उपभोक्ता के हितों का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग उपभोक्ता हितों के संरक्षण के साथ-साथ विद्युत उत्पादन और पारेषण में सक्रिय भूमिका निभा सकता है। उन्हांेंने आशा व्यक्त की कि प्रदेश के विद्युत सुधार कार्यक्रमों में नियामक आयोग अपना महत्वपूर्ण योगदान देता रहेगा।

कार्यक्रम को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्री श्रीकान्त शर्मा, प्रमुख सचिव ऊर्जा श्री आलोक कुमार तथा राज्य सभा के महानिदेशक एवं विद्युत नियामक आयोग के पूर्व अध्यक्ष श्री देश दीपक वर्मा ने भी सम्बोधित किया।

उप राष्ट्रपति जी ने विद्युत नियामक आयोग के नवनिर्मित भवन के ऊर्जा दक्ष होने का प्रमाण-पत्र आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों को प्रदान किया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने विद्युत नियामक आयोग की स्मारिका का विमोचन भी किया।

इस अवसर पर ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री स्वतंत्रदेव सिंह सहित विद्युत नियामक आयोग के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।

ज्ञातव्य है कि विद्युत नियामक आयोग के इस भवन का निर्माण 6484 वर्ग मीटर के क्षेत्रफल में किया गया है। इसमें सामान्यजन, वादिकारियों, अधिवक्ताओं, उपभोक्ताओं और अनुज्ञप्तिकारियों सहित सभी के लिए उच्च स्तरीय सुविधाओं के साथ-साथ दिव्यांगजन के लिए सभी वांछित सहूलियतें उपलब्ध कराई गई हैं। इस भवन में विद्युत लोकपाल कार्यालय, बैंक शाखा एवं ए0टी0एम0 भी स्थापित किया जाएगा।

यह भी उल्लेखनीय है कि विद्युत नियामक आयोग का नवनिर्मित भवन भारतीय दक्षता ब्यूरो द्वारा निर्धारित सभी मापदण्डों को पूरा करता है। इसकी छत पर 70 किलोवाॅट क्षमता का सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किया गया है, जो आयोग के लिए बिजली की क्षमता पूरी करने के साथ ही, जब भी बिजली का उत्पादन अधिक होगा, तो उसे नेट-मीटरिंग के माध्यम से ग्रिड में प्रवाहित करेगा, जिसका अन्य उपभोक्ता उपयोग कर सकेंगे। भारतीय दक्षता ब्यूरो द्वारा इस भवन हेतु प्रोत्साहन के रूप में कुल 64.13 लाख रुपए की धनराशि विद्युत नियामक आयोग को प्रदान की गई है।