मौतों पर मुआवजा राशि पांच के बजाय 50 लाख रु देने की मांग

लखनऊ। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माले) के राज्य सचिव सुधाकर यादव के नेतृत्व में पार्टी की एक टीम बीती रात वाराणसी में कैंट स्टेशन के निकट निर्माणाधीन फ्लाईओवर गिरने के मामले में मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की।

बुधवार को जारी बयान में राज्य सचिव ने कहा कि घटना हादसा नहीं, बल्कि मानव निर्मित विपत्ति है जो भ्रष्टाचार और आपराधिक लापरवाही का परिणाम है। उन्होंने कहा कि पुल बनाने में निर्धारित मानकों का घोर उल्लंघन किया गया। निर्माण सामग्री की गुड़वत्ता भी पहली नज़र में निम्न स्तर की दिखती है।

गर्डर रखने के दौरान रूट डाइवर्जन नहीं किया गया, अन्यथा जानमाल की व्यापक हानि न होती। निर्माण स्थल पर इमरजेंसी की स्थिति में राहत व बचाव के लिए पहले से कोई तैयारी नहीं थी।

उन्होंने कहा कि प्रशासन मौतों की संख्या कम करके बता रहा है। कहा कि पश्चिम बंगाल में हुए एक ऐसे ही मामले में प्रधानमंत्री मोदीजी ने तब उसे 'भ्रष्टाचार का भयावह रूप और मौत व मनी का कारोबार' बताया था। अब जबकि उनके चुनावक्षेत्र में ऐसी घटना हुई है, तो उन्हें योगी सरकार का बचाव नहीं करते हुए यही बात बेहिचक स्वीकार करनी चाहिए। साथ ही, विकास दिखाने और वाराणसी को 'क्योटो' बनाने की जल्दबाजी में जानमाल व नगरवासियों की सुरक्षा के साथ कोई खिलवाड़ नहीं होनी चाहिये।

राज्य सचिव ने मृतकों के परिवारों को पांच के बजाय 50-50 लाख रु मुआवजा राशि देने की मांग की। माले के जांच दल में सचिव के अलावा राज्य समिति की सदस्य सरिता पटेल व अन्य नेता शामिल थे।