नई दिल्ली: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच प्रमुख मुस्लिम संगठन जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना महमूद मदनी ने शुक्रवार को कहा कि जिन्ना को ‘हमारे पूर्वजों ने आदर्श नहीं माना था और द्विराष्ट्र के उनके सिद्धांत को ठुकरा दिया था और पाकिस्तान के संस्थापक को हम भी आदर्श नहीं मानते.’’

मौलाना मदनी ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, ‘‘हमारे बुजर्गों ने जिन्ना को अपना आदर्श नहीं माना और न ही उनके सिद्धांत का समर्थन किया बल्कि इस देश में हमारा रहना ही इस बात का सबूत है कि हमने उनके द्विराष्ट्र सिद्धांत को सिरे से खारिज कर दिया. जिन्ना को लेकर हमारी भी वही राय है जो हमारे बुजुर्गों की थी.’’

उन्होंने कहा, ‘‘ एक तस्वीर को बहाना बनाकर जिस तरह से कुछ लोगों ने विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस ने निहत्थे छात्रों पर लाठियां भांजी, वह किसी भी लोकतांत्रिक देश में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. देश के एक बड़े विश्वविद्यालय को निशाना बनाया जाना निंदनीय है.’’