लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा कि ईवीएम पर जनता का विश्वास नहीं रह गया है इसलिए बैलेट पेपर से मतदान होना चाहिए. लोकतांत्रिक प्रणाली में जनता का विश्वास आवश्यक है. उन्होंने कहा कि ईवीएम मशीनों में चुनावों के दौरान गड़बड़ी की शिकायतें मिलती रही हैं. गोरखपुर के संसदीय उपचुनाव में तो 127 ईवीएम में खराबी मिलीं. तीन-तीन घंटा मतदान रुका रहा. अगर बैलेट पेपर से चुनाव होता तो बीजेपी और ज्यादा वोट से हार जाती.

पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को पार्टी मुख्यालय, लखनऊ के लोहिया सभागार में विधायकों की एक बैठक को सम्बोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बीजेपी मनमानी पर उतारू है. अगर उसमें जरा भी नैतिकता और लोकतांत्रिक मूल्यों की परवाह होती तो वह राज्यसभा के लिए 9वां प्रत्याशी नहीं उतारती. लगता है कि बीजेपी को कदाचार से कोई परहेज नहीं है.

अखिलेश ने कहा कि पिछले एक साल में बीजेपी ने जनहित में कोई काम नहीं किया है, सिर्फ जनता को धोखा दिया है. एक तरफ सरकार का यह दावा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी, वहीं किसानों की आत्महत्या एवं उनका उत्पीड़न रुक नहीं रहा है. चालू वर्ष में ही महोबा में कर्ज में डूबे 27 किसानों ने अपनी जान दे दी. बीजेपी सरकारों के पास तो किसान परिवारों के बेरोजगार नौजवानों की बेकारी दूर करने का प्रारूप तक नहीं है.

उन्होंने कहा कि बेरोजगार नौजवान अवसाद में आत्महत्या कर रहे हैं. केन्द्र सरकार के गृह राज्यमंत्री की स्वीकारोक्ति है कि 2014 से 2018 के बीच 26 हजार 500 बेरोजगार नौजवान आत्महत्या कर चुके हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां करोड़ों नौजवान बेकारी के शिकार हों और सरकारों के पास रोजगार उपलब्ध कराने की कोई नीति और नीयत भी नहीं है.

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था चैपट है. रोजाना हत्या, लूट, अपहरण और बलात्कार की घटनाएं होती हैं. बच्चियों तक से दुष्कर्म की वारदातें शर्मनाक हैं. अपराध नियंत्रण का बीजेपी सरकार का दावा वास्तविकता से परे है. इससे जनता में भारी आक्रोश है. अखिलेश ने कहा कि जन आक्रोश का एक परिणाम गोरखपुर-फूलपुर के उपचुनावों में बीजेपी की पराजय में मिला है. अब जनता को बेसब्री से सन् 2019 का इंतजार है. चुनाव निष्पक्ष हों, इसके लिए मतदान ईवीएम से नहीं, बैलेट से ही होना चाहिए.