नई दिल्ली: बिहार के चर्चित चारा घोटाले से जुड़े एक मामले में साढ़े तीन साल की सज़ा पाए पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव को जेल में माली का काम दिया गया है. इसके लिए उन्हें 93 रुपये की दिहाड़ी मिलेगी.

रांची की स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने जहां लालू को साढ़े तीन साल की जेल की सज़ा सुनाने के साथ पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. वहीं जगदीश शर्मा समेत 6 दोषियों को 7 साल की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही उन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.

बता दें कि चारा घोटाला मामले में लालू को 23 दिसंबर को कोर्ट ने दोषी करार दिया गया था. तब से लालू बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. उन्हें अब सोमवार को हजारीबाग की ओपन जेल में शिफ्ट किया जाएगा, जहां उन्हें माली का काम दिया गया है.

इससे पहले शनिवार को सजा के ऐलान के बाद लालू प्रसाद की तरफ से ट्वीट के जरिये बीजेपी पर निशाना साधा गया था. लालू ने ट्वीट किया- 'बीजेपी की राह में चलने के बजाए मैं सामाजिक न्याय, सद्भाव और समानता के लिए खुशी से मरना पसंद करूंगा.'

फैसला आने के बाद लालू के बेटे और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने पटना में कहा कि हम लालू प्रसाद की दोषसिद्धि के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद अपील दायर करेंगे.

लालू प्रसाद प्रसाद के खिलाफ चारा घोटाले से जुड़े कुल 5 मामलों में रांची में मुकदमे चल रहे थे. जिनमें चाईबासा कोषागार से 37 करोड़, 70 लाख रुपये की अवैध निकासी के मामले में उन्हें और जगन्नाथ मिश्रा को 30 सितंबर, 2013 को दोषी ठहराए जाने के बाद तीन अक्टूबर को क्रमश: पांच साल कैद, 25 लाख रुपये जुर्माने व चार साल कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. लालू के खिलाफ चारा घोटाले में यह दूसरा ऐसा मामला है, जिसमें उन्हें सजा सुनाई गई है.

इसके अलावा उनके खिलाफ रांची में डोरंडा कोषागार से 184 करोड़ रुपये की फर्जी निकासी से जुड़ा आरसी 47 बटा 96, दुमका कोषागार से तीन करोड़, 97 लाख रुपये निकासी का आरसी 38 बटा 96 एवं चाईबासा कोषागार से अवैध रूप से 36 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़ा आरसी 68 बटा 96 के मुकदमे अभी चल रहे हैं, जिनकी सुनवाई अंतिम दौर में है.