नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने जम्मू-कश्मीर मसले पर चिंता जाहिर की है. चिदंबरम ने सीमापार से हो रहे सीजफायर उल्लंघन और पुलवामा में सीआरपीएफ कैंप पर हुए आतंकी हमले को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है.

चिदंबरम ने रविवार को एक के बाद एक 9 ट्वीट किए. पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि समय-समय पर हमें बड़ी निर्ममता से ये याद दिलाया जाता है कि जम्मू-कश्मीर राज्य से भी जुड़ा एक मुद्दा है.

चिदंबरम ने कहा, "30 और 31 दिसंबर 2017 की रात फिर से एक रिमाइंडर मिला, जब आतंकियों ने सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया. हमले में हमारे 5 जवान शहीद हो गए. 3 जवान जख्मी भी हुए." उन्होंने कहा, "हमारे जवान और पुलिसकर्मी लगभग रोज शहीद हो रहे हैं. इसपर मोदी सरकार क्या सफाई देगी? ये सब कब खत्म होगा? क्या सरकार के पास इन सवालों का जवाब है?"

चिदंबरम ने कहा, 'गुजरात में चुनाव के पहले सरकार ने दिनेश्वर शर्मा को विशेष प्रतिनिधि के तौर पर नियुक्त किया, लेकिन सरकार का मकसद साफ नहीं था. इसके बाद संकेत दिया गया कि विशेष प्रतिनिधि उन सब लोगों से बात करेंगे, जो उनसे बात करना चाहते हैं. फिर दावा किया गया कि कठोर सैन्यवादी रुख अपनाकर घुसपैठियों को रोका जा सकता है. लेकिन, क्या ऐसा हुआ?"

चिदंबरम ने कहा, "हमें जम्मू-कश्मीर मसले पर और गंभीरता से काम करने की जरूरत है. इस मुद्दे को सुलझाने के प्रयासों के लिए पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह को हमेशा याद किया जाएगा."

पूर्व गृह मंत्री ने कुछ आकंड़े भी पेश किए. उन्होंने पूछा है कि क्या मोदी सरकार की कठोर और सैन्यवादी नीति कारगर साबित हो रही है.

चिदंबरम ने कहा, "जिन लोगों को लगता है कि सरकार की कठोर नीतियों और सैन्यवादी रुख को एक मौका दिया जाना चाहिए, उन्हें एक बार तथ्यों पर गौर करने की जरूरत है. इसके बाद उनका नजरिया बदल सकता है."