नई दिल्ली: सड़क हादसों में पीड़ित मरीजों को दिल्ली में तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। इन मरीजों के सरकारी व निजी अस्पताल का खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। इसके लिए मंगलवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजीवाल की अध्यक्षता वाली कैबिनेट ने एक्सीडेंट विक्टिम स्कीम को मंजूरी दी है। स्कीम के तहत सड़क दुर्घटना, आगजनी व एसिड हमले के पीड़ित मरीजों पर होने वाला उपचार खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने बताया कि सड़क हादसों में होने वाली मौतों में कमी लाने के लिए सरकार ने यह पहल की है। सड़क हादसे की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराना होगा। मरीज की स्वास्थ्य सेवाओं का सारा खर्च दिल्ली सरकार उठाएगी। योजना को लागू करने के लिए जल्द ही उपराज्यपाल अनिल बैजल की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी के साथ ही इस व्यवस्था को लागू कर दिया जाएगा।

दिल्ली सरकार ने साफ किया है कि इन मामलों में हर नागरिक को सरकार की योजना लाभ मिलेगा। केवल हादसा दिल्ली की सीमा क्षेत्र में होना चाहिए और एमएलसी दिल्ली पुलिस की होनी चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि दिल्ली में करीब 8 हजार दुर्घटना होती है। इन दुर्घटनाओं की चपेट में औसतन 15 से 20 हजार लोग आते हैं। इस स्कीम से मरीजों को गोल्डन ऑवर में अस्पताल पहुंचाने में मदद मिलेगी और मरीज की जान बचाई जा सकेगी। अभी इस प्रकार के हादसों में सालाना करीब 1600 मौते हो जाती है।

दिल्ली सरकार मरीजों को अस्पताल पहुंचाने वाले लोगों को पुरस्कार भी देगी। इसके लिए पहले ही स्कीम तैयार है और इसके तहत हर व्यक्ति को 2000 रुपये का पुरस्कार देने की योजना है। सरकार का मानना है कि इससे लोगों को मरीजों की मदद से के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। सरकार इस योजना के लिए पहले ही उपराज्यपाल की मंजूर ले चुकी है। लेकिन इन दोनों को एक साथ ही लागू करने की तैयारी है।