लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने आज विश्वेश्वरैया प्रेक्षागृह में कैंसर एड सोसायटी द्वारा भारतीय स्टेट बैंक के सहयोग से आयोजित ‘आयुष इन्टरवेंशन इन पैलेटिव केयर’ विषयक संगोष्ठी का उद्घाटन किया। इस अवसर पर किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट, उपनिदेशक गुजरात कैंसर इंस्टीटयूट डाॅ0 गीता जोशी, कैंसर एड सोसायटी के अध्यक्ष श्री डी0पी0 गुप्ता, सचिव श्री पीयूष गुप्ता सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में सोसायटी द्वारा ‘इन्टरनेशनल पैलेटिव केयर अवार्ड फाॅर सार्क कंट्रीज 2017-18’ से डाॅ0 गीता जोशी को सम्मानित किया गया। डाॅ0 मुधरिमा प्रधान एवं सुश्री नेहा त्रिपाठी को पैलेटिव केयर में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया।

राज्यपाल ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि 1994 में जब वे साठ वर्ष के थे तो उन्हें कैंसर हो गया था। चिकित्सकों के परीक्षण के बाद पता चला कि वह दूसरी स्टेज का है, मगर उचित देखभाल और परिवार एवं शुभचिंतकों के संबल से मिली दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण वे कैंसर रोग पर विजय प्राप्त कर सके। रोगी और परिजनों की मजबूत इच्छाशक्ति से रोग को जीता जा सकता है। जागरूकता से कैंसर से बचा जा सकता है। रोगी की मनःस्थिति को सुधारने में चिकित्सक का व्यवहार अहम होता है। चिकित्सक की मुस्कराहट रोगी में इच्छाशक्ति जगाती है। उन्होंने कहा कि लोगों की शुभकामनाओं से भी रोगी को बहुत संबल मिलता है।

श्री नाईक ने कहा कि कैंसर रोग के निदान के लिए समय से रोग का पता चलना आवश्यक है। कैंसर के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाएं शहर और गाँव के क्षेत्र में स्वास्थ्य शिविर लगायें तथा कैंसर रोगियों को चिन्हित करके उन्हें समय पर इलाज कराने में सहयोग करें। चिकित्सक एवं विशेषज्ञ स्वयं को नये अनुसंधानों के ज्ञान से परिपूर्ण रखें। कैंसर इलाज के शोध में बहुत प्रगति हुई है। कीमोथेरेपी के दुष्प्रभाव को आयुर्वेदिक दवाओं से कम किया जा सकता है। दवा के साथ मन में विश्वास जगाने से रोगी में शक्ति का निर्माण होता है। उन्होंने कहा कि मन का विश्वास कैंसर रोगी की लिए दवा का एक हिस्सा है।

कुलपति प्रो0 एम0एल0बी0 भट्ट ने कहा कि कैंसर के प्रति व्याप्त भ्रांतियों को दूर करने तथा वैज्ञानिक शोध से प्रमाणित ज्ञान को आगे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कैंसर एड सोसायटी द्वारा किये जा रहे कार्यों की सराहना भी की।