अहमदाबाद: राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद मामले पर सुप्रीम कोर्ट में 8 फरवरी से अंतिम सुनवाई होगी, लेकिन ये मामला गुजरात चुनाव तक पंहुच गया है. अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल के रुख को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने राहुल गांधी से जवाब मांगा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि एक तरफ राहुल गांधी मंदिरों में घूम रहे हैं, खुद को जनेऊधारी हिंदू बता रहे हैं, दूसरी तरफ उनकी पार्टी के नेता राम जन्मभूमि मामले में देरी करा रहे हैं. इस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी राम मंदिर बनाना ही नहीं चाहती है. मामला अदालत में है, इसलिए इसे बाहर उठाना नहीं चाहिए. कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, बीजेपी एक बार फिर राम के नाम पर वोट बटोरने की कोशिश में है. बीजेपी नहीं चाहती है कि राम का वनवास कभी खत्म हो. उन्होंने कहा कि बीजेपी इस पूरे प्रकरण में मंथरा की भूमिका रही है.

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की ओर से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने मांग की कि इस सुनवाई को 2019 के आम चुनाव तक टाला जाए, क्योंकि राम मंदिर का मुद्दा बीजेपी के घोषणापत्र में है. सिब्बल ने कहा कि इस मामले की जल्द सुनवाई की क्या जरूरत है? अभी तक सारी कागजी कार्रवाई तक पूरी नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 2014 के चुनाव एजेंडे में कहा कि वो कानूनी रूप से राम मंदिर बनवाएगी. कोर्ट के फैसले का देश की राजनीति और भविष्य पर व्यापक असर होगा, इसलिए ये सुनवाई आम चुनाव के बाद जुलाई 2019 में हो. अन्य मुस्लिम पक्ष की ओर से कहा गया मामले की सुनवाई 5 या 7 जजों से कराई जाए.

वहीं सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कहा कि हमें इससे फर्क नहीं पड़ता कि कोर्ट के बाहर क्या चल रहा है.