लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बिजली की दरों में अंधाधुंध वृद्धि किए जाने के विरोध में समाजवादी पार्टी 7 दिसंबर को पूरे प्रदेश में धरना प्रदर्शन करेगी.

इस दौरान पार्टी राज्यपाल राम नाईक को ज्ञापन देकर बिजली दरों में की जा रही बढ़ोत्तरी को वापस लेने की मांग भी करेगी.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी ने मंगलवार को बताया ​कि 29 नवम्बर को निकाय चुनाव के मतदान के तुरन्त बाद 30 नवम्बर 2017 को ही बीजेपी सरकार ने राज्यभर में बिजली दरों में 65 प्रतिशत तक वृद्धि करके गरीबों एवं किसानों को गहरी आर्थिक चोट पहुंचाई है.

बिजली की दरें ग्रामीण क्षेत्रों में 63 प्रतिशत तक वृद्धि की गई है. इससे स्पष्ट है कि बीजेपी सरकार किसान और गांव विरोधी सरकार हैं.

उन्होंने कहा कि एक तरफ तो बीजेपी सरकार द्वारा किसानों की आय वर्ष 2022 तक दोगुनी करने का झांसा दिया जा रहा है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दरों में जो असाधारण वृद्धि हुई है, उससे किसानों की तो कमर ही टूट गई हैं. पहले से ही नोटबंदी और जीएसटी ने लोगों का जीना बेहाल कर दिया है.

बीजेपी सरकार यह समझती है कि ग्रामीणों गरीबों और किसानों के हित की कोई योजना लाए बिना उन्हें अंधेरे में रखकर भटकाया जा सकता है. इस दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति का किसान मुंह तोड़ जवाब देने को तत्पर हैं. 7 दिसंबर को समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर इस तानाशाही के विरोध में धरना देंगे.