लखनऊ: सोराज सिंह, निदेशक, कृषि विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्यक्रम भागीदारों, और मिंट किसानों की उपस्थिति में आज मार्स रिग्ली कन्फेक्शनरी के शुभ मिंट कार्यक्रम की स्थापना के साथ पहले वर्ष के परिणामों की घोषणा की।
श्री सोराज सिंह ने किसानों से जुड़े मुद्दों का हल निकालने के लिए सहयोगी समाधानों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम जो कि मार्स रिग्ली कन्फेक्शनरी एवं एग्रीबिजनेस सिस्टम्स इंटरनेशनल द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित किया गया था, में बोलते हुए उन्होंने कहा ‘‘हम स्वागत करते हैं कि उत्तर प्रदेश में मिंट किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए मार्स रिग्ली कन्फेक्शनरी और अन्य शुभ मिंट साझेदारों ने हाथ मिलाया है। किसानो का मुनाफा बढ़ाना और उन्हें अच्छी कृषि पद्धतियों, विशेष रूप से मिट्टी संरक्षण और मिंट उत्पादन में पानी की खपत में कमी, का ज्ञान देना एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता है । ’
मैन्था की फसल किसानों के लिए लम्बे समय तक व्यवहारिक बनी रहे इस उद्देश्य से शुभ मिंट TM कार्यक्रम के अंतर्गत किसानों तक बेहतर रोपण सामग्री उपलब्ध कराने, बेहतर कृषि पद्धतियों पर प्रशिक्षण देने, युवाओं की शिक्षा एवं महिलाओं के सशक्तिकरण के माध्यम समाज को विकसित बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मार्स रिग्ली कन्फेक्शनरी के आर्थिक सहयोग से, पहले वर्ष में प्रदेश के 68 गाँवों में एएसआई के द्वारा 30 कृषि प्रसार अधिकारियों के दल को नियुक्त किया गया। इन अधिकारियों ने किसानों को सिंचाई आवृत्ति एवं उर्वरकों के उपयोग जैसी बुनियादी बातों के साथ बेहतर उत्पादन पद्धतियों का प्रशिक्षण दिया एवं किसानों के खेत पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में सभी पद्धतियों का कार्य किसान द्वारा ही किया गया।
विश्व की कुल मैन्था का लगभग 80 प्रतिशत उत्पादन उत्तर प्रदेश के 10 लाख किसान करते हैं जिसका रोजमर्रा के उत्पादों जैसे च्यूइंग गम, मिंट, ओरल केयर और फार्मास्यूटिकल में उपयोग होता है। पिछले वर्षों में किसान मैन्था की खेती में जिन समस्याओं का सामना कर रहे थे उनका उल्लेख करते हुए एग्रीबिजनेस सिस्टम्स इंटरनेशनल (इंडिया) के कन्ट्री रिप्रसेंटेटिव अमित कुमार सिंह ने कहा कि मैंथा की पैदावार घट रही थी, रोपण सामग्री पुरानी एवं कई प्रजातियों का मिश्रण हो गई थी और मिट्टी बंजर हो रही थी, लेकिन अब इस कार्यक्रम के माध्यम से हम किसानों को इन समस्याओं को दूर करने में सक्षम हो रहे हैं।
पहले ही वर्ष में हमने उल्लेखनीय परिणाम देखे हैं – किसानों ने उपज में औसतन 68 प्रतिशत की वृद्धि प्राप्त की है जो कि हमारे प्रारंभिक लक्ष्यों से अधिक है। इन किसानों के जीवन पर शुभ मिंट ज्ड परियोजना का आश्चर्यजनक रूप से प्रभाव पड़ा है।

इस वर्ष कुल 2,645 किसानों ने प्रशिक्षण एवं प्रदर्शन का लाभ प्राप्त किया। पैदावार में वृद्धि के अलावा, इन किसानों ने कृषि लागत पर भी कम खर्च किया और एक फसल के दौरान औसतन 6,222 रुपये प्रति एकड़ तक की बचत की।

मार्स रिग्ली कन्फेक्शनरी की वाईस प्रेसिडेंट – ग्लोबल सस्टैनेबिलिटी किम फ्रैंकोविच ने बताया कि अगले 5 वर्षों में शुभ मिंट TM के द्वारा हम बाराबंकी और लखनऊ के 20,000 किसानों तक पहुँचेंगे। हमारा विश्वास है कि बेहतर रोपण सामग्री एवं बेहतर कृषि पद्धतियों के प्रशिक्षण के माध्यम से वर्ष 2021 तक मैन्था से होने वाली आय दोगुनी हो जाएगी।

सुश्री फ्रैंकोविच ने कहा कि कार्यक्रम की पहुँच केवल खेती तक ही नहीं है, हम पूरे समुदाय के विकास के लिए कदम उठा रहे हैं। हमारे सहयोगियों के माध्यम से हम महिला सशक्तिकरण एवं युवा शिक्षा के लिए भी कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में हमारी उपस्थिति कई वर्षों से है। रिग्ली कंपनी फाउंडेशन और प्रथम के साथ साझेदारी के माध्यम से हमने 800 गांवों में 100,000 से अधिक युवाओं को शिक्षा प्रदान की है।
ये प्रयास सामुदायिक भागीदारी के लिए मार्स रिग्ली कन्फेक्शनरी की पुरानी प्रतिबद्धता के प्रमाण है जो कि कंपनी के ैनेजंपदंइसम पद ळमदमतंजपवद च्संद का मुख्य स्तंभ है।