लखनऊ: यूपी के बांदा में क़र्ज़ में डूबे एक युवा किसान जिसका नाम अनुज वाजपेयी बताया जा रहा है, उसने पहले मुख्यमंत्री के नाम सुसाइड नोट लिखा और उसके बाद फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. किसान के पिता पर बैंक और साहूकारों का लाखों रुपये का कर्ज था. कई बार जिला प्रशासन से मदद मांगी मगर कोई आश्वासन नहीं मिला. और अंत में उसने आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली. घटना के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया. आनन फानन में अधिकारी किसान के घर पहुंचे और मामले को रफा दफा करने में लग गए.
मरने वाले अनुज वाजपेयी का 60 हजार का कर्ज माफ हुआ था. लेकिन इसके बावजूद उसके ऊपर साहूकारों का चार लाख रुपये का कर्ज बाकी था. अनुज घर का बड़ा बेटा था. उसके तीन भाई और एक बहन हैं. अनुज के पिता की दिमागी हालत ठीक नहीं है, इसलिए कर्ज अदा करने की जिम्मेदारी उसके ऊपर ही थी. बांदा के एडीएम दिवाकर सिंह ने बताया कि पूरे मामले की जांच कराई जा रही है.
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