नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने आगरा में विश्व प्रसिद्ध ताजमहल के एक किलोमीटर के दायरे में बनाए जा रहे पार्किग स्थल को ध्वस्त करने का मंगलवार को आदेश दिया. शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की 26 अक्टूबर को इस ऐतिहासिक स्मारक की प्रस्तावित यात्रा से दो दिन पहले यह आदेश दिया है. आदित्यनाथ ने हाल ही में कहा था कि वह पर्यटन योजनाओं की समीक्षा के लिए आगरा जाएंगे. न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर और न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता की दो सदस्यीय खंडपीठ ने 17वीं शताब्दी के इस ऐतिहासिक स्मारक के पूर्वी द्वार से एक किलोमीटर के दायरे में पर्यटकों के लिए बनाए जा रहे पार्किंग क्षेत्र को चार सप्ताह के भीतर गिराने का आदेश आगरा के प्राधिकारियों को दिया है.
इस मामले पर आज जब सुनवाई शुरू हुई तो शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार के वकील की उपस्थिति के बारे में पूछा. जब यह बताया गया कि राज्य सरकार का कोई वकील उपस्थित नहीं है तो पीठ ने पार्किंग स्थल को गिराने का आदेश दिया. बाद में, उत्तर प्रदेश सरकार की वकील ऐश्वर्या भाटी ने पीठ के समक्ष इसका उल्लेख करते हुये यह आदेश वापस लेने का अनुरोध किया परंतु पीठ ने कहा कि इस संबंध में उचित आवेदन दायर किया जाए.
शीर्ष अदालत औद्योगिक इकाईयों से निकलने वाले प्रदूषित धुएं और इसके दुष्प्रभावों से ताजमहल के संरक्षण के लिए पर्यावरणविद अधिवक्ता महेश चन्द्र मेहता द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
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