लखनऊ: केरल में वामपंथियों द्वारा की जा रही राजनीतिक हिंसा को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बर्दाश्त नहीं करेगी। अभाविप केरल में हो रही हिंसा के खिलाफ आगामी 11 नवम्बर को महारैली करेगी। इस रैली में देशभर से 50 हजार विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता केरल पहुँचेंगे। वहीं उत्तर प्रदेश से तीन हजार कार्यकर्ता केरल जायेंगे। यह बातें अभाविप के अखिल भारतीय विश्वविद्यालय प्रमुख हरि बोरिकर ने मंगलवार को प्रेसक्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता में कही।

उन्होंने बताया कि केरल में सामाजिक नेतृत्व को उभरने नहीं दिया जा रहा है। सत्ता के संरक्षण में अभाविप कार्यकर्ताओं की बर्बरतापूर्वक हत्यायें हो रही हैं। 2008 से 2016 तक तीन गुना हिंसा बढ़ी है। एक साल में 701 बच्चे लापता हो गये जिनमें से 448 छात्राएं हैं। जिससे साबित होता है कि केरल में मानव तस्करी भी पूरी तरह से हावी हो चुकी है। केरल के वर्तमान मुख्यमंत्री की विधानसभा में 69 हत्यायें हुई हैं। पिनरई विजयन ने जो कन्नून माडल शुरू किया था आज पूरे प्रदेश में लागू है। मुख्यमंत्री बनने के बाद पिनरई विजयन सत्ता का दुरूपयोग कर राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों की निर्मम हत्या कर रहे हैं।

हरि बोरिकर ने कहा कि कम्युनिस्टों को डर सता रहा है कि पूरे विश्व की तरह उनकी विचारधारा का अन्त भारत में न हो। सिर्फ कम्युनिस्टों के कारण ही केरल जैसे सुन्दर प्रदेश को लाल आतंक से पीड़ित प्रदेश के रूप में देख रहे हैं। जहां सभी राज्य विकास की तरफ अग्रसर हैं वहीं केरल सरकार अपनी आतंकी विचारधारा को बचाने में लगी है।

अभाविप के प्रदेश अध्यक्ष डा. राकेश द्विवेदी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से तीन हजार कार्यकर्ता केरल में हो रही महारैली में शामिल होने के लिए जायेंगे। यह रैली 11 नवम्बर को है। डा. राकेश ने बताया कि केरल में हो रही हिंसा को लेकर प्रदेश के सभी विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों में गोष्ठी का आयोजन कर छात्रों को जागरूक किया जा रहा है।

अभाविप के प्रान्त अध्यक्ष रमन सिंह कहा कि अवध प्रान्त के सभी जिला केन्द्रों पर 31 अक्टूबर को धरना प्रदर्शन कर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा जायेगा। रमन सिंह ने बताया कि अवध प्रान्त से 500 कार्यकर्ता केरल रवाना होंगे। महानगर अध्यक्ष डा. शीला मिश्रा और महानगर सह मंत्री अविरल अवस्थी भी मौजूद थे।