लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के उस फैसले की सराहना की है जिसमें सरकार ने शहीद पुलिसजनों के परिवार वालों को दी जाने वाली सहायता राशि दोगुनी बढाकर पचास लाख रूपए कर दी है। श्री त्रिपाठी ने कहा है कि शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि दोगुनी करने के अलावा पुलिसकर्मियों को मिलने वाले भत्ते में भी बढोत्तरी कर भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है प्रदेश के आम लोगों के साथ ही साथ आम लोगों की सुरक्षा में दिन रात मेहनत करने वाले पुलिसजनों के लिए भी सरकार कृतसंकल्पित है। मुख्यमंत्री जी ने ये फैसला लेकर हमारे वीर शहीद पुलिसकर्मियों को सच्ची श्रद्धांजलि दी है और ये उदाहरण भी दिया है कि बीजेपी सरकार ईमानदारी और साहस के साथ अपने दायित्व निभा रहे पुलिकर्मियों के परिवारों के साथ खड़ी है।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने के बाद यहां के पुलिसकर्मियों ने बेहतर नतीजे देने की ईमानदार कोशिश की है। और इसी का परिणाम है कि महज छह महीनों के दौरान दुर्दांत अपराधियों से पुलिस की 543 मुठभेडें हुई हैं और इन मुठभेड़ों में अब तक 22 खूंखार बदमाश मार गिराए गए हैं। जबकि 130 बदमाश घायल होने के बाद कानून की गिरफ्त में हैं। इन मुठभेड़ों में हमारे 127 बहादुर पुलिसकर्मी जख्मी हुए हैं। इस कार्रवाई से बदमाशों में दहशत फैली है और प्रदेश के आम लोगों ने राहत की सांस ली है। भारतीय जनता पार्टी इन सभी बहादुर जवानों की सराहना करती है और आमजन के हित में दिन रात पुलिसर्मियों का मनोबल बढाने में जुटे मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी को बधाई देती है।

प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पहले शहीद पुलिसकर्मियों के परिवार को सहायता राशि के तौर पर 20 लाख रूपए और उनके माता पिता को सहायता राशि के तौर पर पांच लाख रूपए दिए जाते थे। प्रदेश के मुखिया के तौर पर मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए परिवार वालों को दी जाने वाली राशि दोगुनी कर अब 40 लाख रूपए कर दी है जबकि आश्रित माता पिता के लिए ये राशि अब 10 लाख रूपए कर दी गई है। निश्चित तौर पर इस फैसले से ना सिर्फ पुलिस का मनोबल बढेगा बल्कि उनको इस बात का भी एहसास होगा कि प्रदेश सरकार हर संकट की घड़ी में उनके साथ खड़ी है। पुलिस विभाग से मिले आंकड़ों के मुता