गोरखपुर: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में शनिवार रात को छात्र-छात्राओं पर हुए लाठीचार्ज में कार्रवाई हुई है. पुलिस ने बीएचयू कैंपस में हिंसक वारदात और शांति भंग के आरोप में करीब 1200 छात्रों पर केस दर्ज किया है.

लाठीचार्ज के लिए पहली नजर में दोषी पाए गए बीएचयू के लंका इलाके के एसओ को लाइन हाजिर कर दिया गया है. जबकि, एसएसपी ने भेलूपुर के सीओ निवेश कटियार को भी उनके पद से हटा दिया है.

जैतपुरा के एसओ संजीव मिश्रा को लंका इलाके का नया एसओ बनाया गया हैं. चूंकि लंका थाना भेलूपुर सर्किल में आता है. भेलूपुर के सर्किल ऑफिसर निवेश कटियार पर कार्रवाई की गई है. इतना ही नहीं वाराणसी के अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम सुशील कुमार गोंड का कार्यभार भी बदल दिया गया है.

छात्र-छात्रों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन ने कैंपस के आसपास की दुकानों को बंद करा दिया है. छात्र-छात्राओं से हॉस्टल खाली कराए जा रहे हैं. उनके बिजली-पानी का कनेक्शन भी काट दिया गया है. हालांकि, विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसकी पुष्टि नहीं की है.

बीएचयू में हो रहे विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर विश्वविद्यालय में सोमवार से 2 अक्टूबर तक अवकाश घोषित कर दिया गया है. वीसी के मुताबिक, मामले की जांच कर रही हाईलेवल कमिटी एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट देगी.

गौरतलब है कि बीएचयू परिसर में छात्रों द्वारा छेड़खानी का आरोप लगाते हुए छात्राएं वीसी से मिलने की जिद पर अड़ी थीं. वीसी ऑफिस ने 4-5 छात्राओं को मिलने की बात कही, लेकिन छात्राएं चाहती थीं कि सभी के सामने वीसी से बातचीत हो.

इस बीच शनिवार शाम वीसी धरना स्थल पर जाने के बजाय त्रिवेणी हॉस्टल में दूसरे गुट की छात्राओं से मिलने पहुंच गए, जो इस आंदोलन से अलग हो चुकी थीं. इसकी जानकारी होते ही धरने पर बैठी छात्राएं वीसी के दफ्तर पहुंचकर नारेबाजी करने लगीं. मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने पहले तो उन्हें रोका, बाद में शनिवार रात एक बजे तक पुलिस और छात्राओं के बीच झड़प चलती रही.

खबर फैलते ही छात्राओं के समर्थन में दूसरे हॉस्टल के छात्र भी आंदोलन में कूद गए और कुछ ही देर में आंदोलन हिंसक हो उठा. वहां तैनात 1500 से ज्यादा पुलिस के जवानों ने छात्र-छात्राओं पर लाठीचार्ज किया. विरोध में छात्रों ने पथराव किया और पुलिस के वाहनों में आग लगा दी.