1993 मुंबई बम ब्लास्ट के दोषियों को 24 साल बाद सुनाई गयी सजा

नई दिल्ली: 1993 में मुंबई बम ब्लास्ट के दोषी अबू सलेम और करीमुल्लाह शेख़ को टाडा कोर्ट ने 24 साल बाद उम्रकैद की सजा सुनाई है। वहीं इस मामले में अन्य दोषी ताहिर मर्चेंट, फिरोज अब्दुल राशिद खान को मौत की सजा सुनाई गई है जबकि रियाज सिद्दीकी को 10 साल की सजा सुनाई गई है। सरकारी वकील उज्जवल निकम ने बताया कि ये सजा एक साथ काटनी होगी और जेल में बिताया उनका समय सजा के वक्त से काट दिया जाएगा। बता दें कि म्ंबई धमाकों में 257 लोग मारे गए थे। जून महीने में मुंबई सिलसिलेवार बम धमाकों के मामले में विशेष टाडा अदालत ने डोसा और सलेम समेत छह को दोषी करार दिया था।

इस मामले में रियाज सिद्दीकी को 10 वर्ष की सजा सुनाई लेकिन रियाज सिद्दीकी जेल में 10 वर्ष बिता चुका है इसलिए उसे जेल से रिहा कर दिया जाएगा। अब्दुल कय्यूम को अदालत ने साक्ष्य के अभाव में पहले ही रिहा कर चुकी है जबकि एक अन्य आरोपी मुस्तफा डोसा की मृत्यु हो चुकी है।

टाडा अदालत ने इस मामले में 16 जून अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम, मुस्ताफ डोसा, फिरोज अब्दुल रशीद खान, करीमुल्ला, रियाज सिद्दीकी और ताहिर मरचेंट दोषी करार दिया है। सलेम को अदालत फांसी की सजा नहीं दे सकती है क्योंकि प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं दी जा सकती है। इस विस्फोट मामले में 257 लोगों की मौत हुई थी जबकि 713 गंभीर रूप से घायल हुए थे और इससे 27 करोड़ रुपये की संपत्ति नष्ट हो गई थी। इस मामले एक आरोपी अब्दुल कैयुम को बरी कर दिया गया है।

साल 2007 में पूरे हुए सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में याकूब मेमन सहित सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था जबकि 23 लोग बरी हुए थे। इस मामले के मुख्य आरोपी याकूब मेमन को 30 जुलाई 2015 को फांसी की सजा दी जा चुकी है।

सलेम पर गुजरात से मुंबई हथियार ले जाने का आरोप है। सलेम ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोपी अभिनेता संजय दत्त को एके 56 राइफलें, 250 कारतूस और कुछ हथगोले 16 जनवरी 1993 को उनके आवास पर उन्हें सौंपे थे। दो दिन बाद 18 जनवरी 1993 को सलेम और दो अन्य दत्त के गए और वहां से दो राइफलें तथा कुछ गोलियां लेकर वापस आए थे।