नई दिल्ली: रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने एक के बाद एक रेल हादसों पर सफाई दी है। प्रभु ने ट्वीट कर कहा है कि उन्‍होंने हादसों की नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी और पीएम ने उनसे इंतजार करने को कहा है। यूपी में चार दिनों के भीतर दो ट्रेनें पटरी से उतर गईं जिसके बाद विपक्ष रेलमंत्री का इस्‍तीफा लेने पर अड़ा है। हंगामे के बीच रेलवे बोर्ड चेयरमैन एके मित्‍तल ने इस्‍तीफा दे दिया है। सुरेश प्रभु ने ट्वीट कर कहा, ”बतौर मंत्री तीन साल से कम समय में, मैंने रेलवे की बेहतरी के लिए अपना खून-पसीना बहाया है। प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में हम दो दशक के ढांचागत सुधारों को अंजाम दिया है, अभूतपूर्व निवेश और उपलब्धियां हासिल की हैं। प्रधानमंत्री के सपनों के न्‍यू इंडिया में एक ऐसा रेलवे होना चाहिए जो आधुनिक और प्रभावी हो। मैं विश्‍वास दिलाता हूं कि रेलवे उसी रास्‍ते पर आगे बढ़ रही है।” सुरेश प्रभु ने हादसों पर दुख जताते हुए कहा कि उन्‍होंने इस मामले में प्रधानमंत्री से बात की है। उन्‍होंने लिखा, ”दुर्भाग्‍यपूर्ण हादसों, यात्रियों की जीवन क्षति, से बेहद दुखी हूं। इससे मुझे बेहद तकलीफ पहुंची है। मैं नैतिक जिम्‍मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री से मिला था, उन्‍होंने मुझसे इंतजार करने को कहा है।”

उत्‍तर प्रदेश में चार दिनों के भीतर दो ट्रेनें पटरी से उतर गईं। कानपुर और इटावा के बीच औरैया जिले में अछल्दा स्टेशन के पास बुधवार तड़के आजमगढ़ से दिल्ली जा रही 12225 (अप) कैफियत एक्सप्रेस डंपर से टकराने के बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गई, जिसके बाद ट्रेन के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। इस हादसे में 78 लोग घायल हो गए हैं। अपर पुलिस महानिदेश (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि इस हादसे में 78 लोग घायल हैं, जिनमें चार की हालत गंभीर है। इस हादसे के बाद कानपुर शताब्दी सहित 12 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है और राजधानी सहित सभी 51 ट्रेनों के रूट बदल दिए गए हैं। दिल्ली-हावड़ा रूट पूरी तरह बाधित हो गया। राजधानी एक्सप्रेस और गोमती एक्सप्रेस का मार्ग बदला गया है।