देश में सभी खुदरा भुगतान प्रणालियों के लिए छत्र संगठन राष्ट्रीय भुगतान निगम (नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया – एनपीसीआई) ने जुलाई 2017 में 1 बिलियन लेनदेन के साथ एक नई मंजिल हासिल की है। एनपीसीआई ने जनवरी, 2010 में 50 मिलियन मासिक लेनदेन के साथ अपनी सेवाएं शुरू की थीं। संचालन के 7 सालों से अधिक समय के दौरान लेनदेन वॉल्यूम्स में लगभग 20 गुना वृद्धि हुई है।

एनपीसीआई के एमडी और सीईओ श्री ए. पी. होता कहते हंै, ‘यह हमारे लिए बहुत संतोष की बात है कि एनपीसीआई वास्तव में भारत में सभी वित्तीय लेनदेनों के पावरहाउस के रूप में उभरा है। इस तरह वैश्विक स्तर पर हर महीने अरबों लेनदेन की प्रक्रिया करने वाले प्रतिष्ठित भुगतान संस्थानों के लीग में शामिल होने के लिए यह एक महान उपलब्धि है।’

एक बिलियन लेनदेन में वे सभी भुगतान प्रणाली शामिल हैं जिन्हें एनपीसीआई द्वारा संचालित किया जाता है। इनमें चेक क्लीयरिंग और एटीएम क्लियरिंग से आईएमपीएस, यूपीआई, बीएचआईएम, रूपे, पीओएस, ईकॉमर्स और आधार आधारित भुगतान शामिल हैं। अब एनपीसीआई द्वारा 12 भुगतान प्रणालियों को संचालित किया जाता है।

श्री होता ने कहा, ‘मोबाइल भुगतान और आधार आधारित भुगतानों में उच्चतम वृद्धि देखी गई है। यह उपलब्धि एनपीसीआई के पोर्टफोलियो में नए उत्पादों को जोडने और सभी उत्पादों की सदस्यता को विस्तारित करने के बाद प्राप्त की गई है। अगला लॉजिकल लक्ष्य अगले 3 वर्षों में एक दिन में एक बिलियन लेनदेन हो सकता है।’