तकरीबन 60 प्रतिशत भारतीय दो-पहिया वाहन चालकों ने सहजता से यह स्वीकार किया है कि वह गाड़ी चलाते वक्त अपने मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते हैं, जबकि 14 प्रतिशत पैदल चलने वाले भारतीय सड़क पार करते वक्त सेल्फी लेते हैं। यह खुलासा सैमसंग द्वारा कराए गए एक सर्वे में हुआ है। यह सर्वे सैमसंग के सेफ इंडिया अभियान के तहत किया गया है, जिसका उद्देश्य सड़क पर सेल्फी लेने समेत गैर-जिम्मेदाराना तरीके से मोबाइल फोन के इस्तेमाल के खतरों के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

‘सेफ इंडिया’ अभियान फिल्म को बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है, केवल 32 दिनों में यूट्यूब पर इसे 10 करोड़ से अधिक बार देखा जा चुका है।

सैमसंग ने हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के प्रयासों को अपना समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई थी, विशेषकर उनमें जो गैर-जिम्मेदाराना तरीके से मोबाइल फोन के उपयोग के कारण होती हैं। ‘सेफ इंडिया’ अभियान की शुरुआत हाल ही में केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जहाजरानी मंत्री श्री नितिन गडकरी ने की थी।

‘सेफ इंडिया’ अभियान के तहत सैमसंग इंडिया द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आया कि लगभग 60 प्रतिशत भारतीय दोपहिया वाहन चालकों ने स्वीकार किया कि वे वाहन चलाने के दौरान भी अपने मोबाइल फोन पर सहजता से उत्तर देते हैं। वहीं 14 प्रतिशत पैदल चलने वाले भारतीयों ने स्वीकार किया कि वह सप्ताह में कम से कम एक बार सड़क पार करते वक्त सेल्फी लेते हैं।

भारत के 12 शहरों में किए गए इस सर्वे में सामने आया है कि तीन में से एक कार ड्राइवर यदि जरूरी हो तो कार चलाते वक्त टेक्स्ट मैसेज भेजता है।

पैदल चलने वाले लोगों का भी सुरक्षा को लेकर रवैया ड्राइवरों से कोई अलग नहीं है। सर्वे के मुताबिक 64 प्रतिशत पैदल चलने वाले लागों ने कहा कि वह सड़क पार करते समय नियमित रूप से फोन का जवाब देते हैं। वहीं 18 प्रतिशत ने कहा कि वह अपने बॉस की कॉल का तुरंत जवाब देते हैं, फिर चाहे वह सड़क ही क्यों न पार कर रहे हों।