देहरादून: उत्तराखंड राज्य में मध्य और लंबी दूरी की दौड़ के आयोजनों में युवा प्रतिभा की पहचान करने के लिए, ओएनजीसी लिमिटेड और नर्चरिंग एक्सेलेंस इन स्पोर्ट्स ट्रस्ट ने उत्तराखंड राज्य के सभी 13 जिलों में 800 मीटर और 1500 मीटर में टैलेंट स्काउटिंग पहल, ‘‘हिमालय में हीरो की खोज’’ शुरू की।

पहाड़ी क्षेत्रों का इलाका और यहां के निवासियों की सामान्य जीवन शैली के कारण लाल रक्त कोशिकाएं स्वतः ही अधिक होती है, जिसके कारण उनमें धैर्य और सहनशक्ति का स्तर अधिक होता है। इन कारकों को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड राज्य मध्य और लंबी दूरी की एथलेटिक स्पर्धाओं की प्रतिभाओं का खजाना है जिसका अभी तक सही तरीके से उपयोग नहीं हुआ।

यह पहल 8 जुलाई 2017 को पिथौरागढ़, उधम सिंह नगर के जिलों में षुरू की गई और 25 जुलाई 2017 तक सभी जिलों में परीक्षणों को पूरा कर लिया गया।

सभी जिला में परीक्षणों को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद, 15-17 वर्श उम्र के कुल 77 एथलीटों को एक राज्य शिविर के लिए चुना गया जो 25 से 27 जुलाई 2017 तक संचालित होगा। उसके बाद अंतिम परीक्षण हुआ जो महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज ग्राउंड, देहरादून में 28 जुलाई को आयोजित किया गया।

नेस्ट (एनईएसटी) के मैनेजिंग ट्रस्टी मनीष बहुगुणा ने कहा, ‘‘विश्व और ओलंपिक चैंपियंस में से 95 प्रतिषत कुछ हद तक अधिक ऊंचाई पर रहते हंै या उंचे स्थानों पर प्रशिक्षित होते हंै। इसे ध्यान में रखते हुए, हमने अनुभवहीन एथलेटिक प्रतिभा की पहचान करने के लिए उत्तराखंड राज्य के दूर के इलाकों तक पहुंचने के लिए इस पहल की शुरुआत की। हमें
उम्मीद है कि इस पहल के तहत चुने गये एथलीट देश का प्रतिनिधित्व करंेगे और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति अर्जित करेंगे।’’