साम्प्रदायिक शक्तियों पर लगाम लगाने में योगी सरकार पूरी तरह विफल

कानपुर:- इस समय उत्तर प्रदेश के हालात बेहद चिंताजनक हैं, खुलेआम ला एंड आर्डर की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, आए दिन हत्या, बलात्कार और लूटपाट के घटनाएं हो रही हैं, साम्प्रदायिक शक्तियां निडर होकर वारदात अंजाम दे रही हैं, कानून और पुलिस का डर उनके दिल से निकल चुका है, सरकार और पुलिस उन पर लगाम लगाने में पूरी तरह से विफल हो रहे हैं। इन विचारों को जमीअत उलमा उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और शहर कानपुर के कार्यवाहक काजी मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी ने अपने समाचार बयान में व्यक्त किया।

जमीअत उलमा के प्रांतीय अध्यक्ष ने बतलाया कि मऊ में बदमाशों द्वारा मस्जिद जैसी पवित्र जगह में सुअर के बच्चे का सर कटा शव बोरी में भर कर फेंकने के बाद मस्जिद में ऐतिकाफ में बैठे एक-बुजुर्ग के मना करने पर खुलेआम उन्हें गोली मार कर शहीद कर दिया गया। ईद के निकट अमेठी के बादलगढ़ में दो ईदगाहों के अंदर पोर्क (सुअर का मांस) डाला गया, हालांकि पुलिस ने रिपोर्ट मिलने के बाद सुबह होने से पहले एक ईदगाह में सफाई करवाई जबकि दूसरी जगह सुबह तक पड़ा रहा, जमीअत उलमा जिला सुल्तानपुर के जिम्मेदारों ने उच्चाधिकारियों से संपर्क किया, नमाज़ पढ़ने वालों में जबरदस्त गुस्सा रहा, उच्च अधिकारियों की ओर से दस दिन के अंदर आरोपियों की गिरफ्तारी के वादे पर मामला शांत हुआ। बुलंद शहर सिकंदराबाद में मंदिर में चोरी के आरोप में एक मुस्लिम युवक को पीट-पीटकर मार डाला गया। विभिन्न स्थानों पर अज़ान और नमाज में रूकावटें डाली गईं।

प्रांतीय अध्यक्ष ने प्रदेश में दहशत का माहौल फैलाए जाने पर सख्त चिंता व्यक्त करते हुए राज्य सरकार के 100 दिन पूरे होने पर मुख्यमंत्री को याद दिलाया कि आपने सबका साथ सबका विकास की बात की है, उसके साथ सभी को सुरक्षा तथा सबको न्याय नहीं मिलता और सरकारें न्याय दिलाने में विफल रहती हैं। प्रशासन पक्षपात करती है तो यह प्रदेश के लिए अच्छी बात नहीं है। प्रदेश में अराजकता का माहौल पैदा हो रहा है, जब जनता का जान-माल ही सुरक्षित न हों तो प्रदेश कैसे विकास कर सकता है। आप विदेशी कंपनियों को प्रदेश में आने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं और शांति की स्थिति यह है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन महीनों के अंदर अपराध के ग्राफ में 44 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। मुसलमान, दलित सहित किसी भी जाति या धर्म से संबंध रखने वाला कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है। गरीबी बढ़ती जा रही है, सरकारें आई थीं लोगों को रोजगार देने के वादे लेकर , लेकिन बेरोजगारी दर में वृद्धि हुई है, माहौल बिगड़ता जा रहा है, लोगों में दहशत और आतंक पैदा हो रहा है जबकि अपराधिक तत्व संतुष्टि साथ आजाद घूम रहे हैं। मौलाना ने कहा कि अगर प्रदेश का यही हाल रहा, दहशत का माहौल बनाने की कोशिश जाती रही और सरकार ने शांति स्थापित करने के लिए कोई ठोस और मजबूत रणनीति नहीं बनाई तो न कोई व्यापारिक संगठन यहां आएगा और न ही बड़ी पार्टियां यहां निवेश करेंगी।

मौलाना ओसामा ने पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि वह पुलिस जो गोमांस की अफवाह और झूठी सूचना पर घरों में घुस जाती है, बर्तन और फ्रिजों की तलाशी लेती है और लोगों को परेशान करती है वह पुलिस मऊ में गोली मार कर शहीद किए गए बुजुर्ग हत्यारों और मस्जिदों में शराब और सुअर डालकर प्रदेश के माहौल खराब करने वालों को अब तक क्यों गिरफ्तार नहीं कर सकी ?
प्रदेश अध्यक्ष ने जमैतुल उलमा के मंच से जोरदार तरीके से मांग करते हुए कहा कि अगर सरकार प्रदेश में शांति बहाली चाहती है और प्रदेश के विकास को लेकर वास्तव में गंभीर है तो इस बात की जांच कराए कि सांप्रदायिकता का यह जहर किन कारखानों में तैयार हो रहा है, इन सबके पीछे कौन सी संगठनें और लोग हैं जो युवाओं का मन खराब करके उन्हें हत्यारा और मारपीट का आदी बना रहे हैं और देश के वातावरण को जहरीला बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे जहरीले कारखानों, संगठनों और व्यक्तियों को चिन्हित करके जल्द से जल्द इन पे लगाम कसी जाए, युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किए जाएं और गरीबी दूर करने के लिए गंभीरता के साथ मजबूत कदम उठाए जाएं। मौलाना ने मांग की कि मई में मस्जिद के अंदर शराब डालने, बुजुर्ग को शहीद और अमेठी के बादलगढ़ में ईदगाह के अंदर पोर्क(सुअर का मांस) डालकर प्रदेश का माहौल खराब करने वालों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करके उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए ताकि बदमाशों के हौसले कमजोर हों और उन पर लगाम लगे और शहीद बुजुर्ग के घर वालों को न्यूनतम 25 लाख का मुआवजा दिया जाए।

प्रांतीय अध्यक्ष ने केंद्र सरकार के रवैये पर भी सवाल खड़ा करते हुए कहा देश के हालात बहुत गलत मोड़ पर जा रहे हैं, आए दिन किसान आत्महत्या कर रहे हैं, आय के स्रोत कम हो रहे हैं, बेरोजगारी का ग्राफ बढ़ता जा रहा है, महंगाई आसमान छू रही है गरीब का चूल्हा बुझ रहा है, ऐसे में देश के अल्पसंख्यकों और दलितों पर आए दिन हमले इस देश के लिए बेहद हानिकारक है। मौलाना ने कहा कि अगर सरकार ने आज पक्षपात का सबूत दिया और निष्पक्ष जांच नहीं की तो यह पूरे देश का मुद्दा बनेगा, यह किसी धर्म या समुदाय की समस्या नहीं बल्कि पूरे देश की सुरक्षा समस्या है। मौलाना ने केंद्र व राज्य सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि केवल दावा करने से विकास नहीं होता बल्कि व्यवहारिक रूप से कार्य करने से विकास होता है।

मौलाना उसामा ने जमीअत उलेमा ए हिंद के महासचिव मौलाना सैयद महमूद मदनी से देश के हालात के मद्देनजर 30 जून को जमीअत उलेमा ए हिंद के उच्च पैमाने पर होने वाली ईद मिलन समारोह को रद्द करने के फैसले की प्रशंसा करते हुए 2 जुलाई दिन रविवार अपने शहर कानपुर में होने वाली ईद मिलन समारोह को रद्द करने की घोषणा की।

मौलाना ने प्रदेश के मुसलमानों से अपील करते हुए कहा कि वह धैर्य के साथ अक्लमंदी का सबूत दें, यह घटनाएं बतला रही हैं कि प्रदेश को गंभीर खतरों का सामना करने और किसी बड़े दंगे में झोंकने की तैयारी हो रही है। मौलाना उसामा ने प्रांतीय जमीअत उलमा के सभी जिला शाखाओं के जिम्मेदारों से अपील की कि वह अपने पूरे क्षेत्र पर कड़ी निगाह रखें और किसी भी छोटी बड़ी वारदात से क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों और प्रशासन के जिम्मेदारों को तुरंत सूचित करें। मौलाना ने सभी जिला शाखाओं को फिर निर्देश दिया कि वह उच्च अधिकारियों से संपर्क रखें और हर जिले में तीन या पांच वकीलों का पैनल बनाकर हर जगह आवष्यकतानुसार कानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहें।