पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात को पूरी तरह से खारिज कर दिया कि 2019 के चुनाव में बीजेपी के खिलाफ वो संभावित महागठबंधन की ओर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे.

उन्होंने कहा, 'तीन साल पहले भला कौन जानता था कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री होंगे. लेकिन ऐसा हुआ. क्योंकि वो (मोदी) ऐसा करने में कामयाब हुए. लोगों ने उन्हें वोट देकर सत्ता सौंपी.'

सोमवार को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश ने कहा, 'मुझे मालूम है. मुझमें वैसी क्षमताएं नहीं हैं. मैं एक छोटी पार्टी का नेता हूं और मुझमें राष्ट्रीय महत्वकांक्षाएं नहीं हैं.'

नीतीश ने कहा, 'शरद यादव पार्टी के प्रेसिडेंट थे. इसके बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने मुझे जिम्मेदारी देने का मन बनाया. लेकिन मीडिया ने इसे मेरी राष्ट्रीय महत्वकांक्षा से जोड़कर देखा.' उन्होंने कहा, 'पार्टी प्रेसिडेंट के नाते मैं जेडीयू का दूसरे राज्यों में विस्तार की कोशिश कर रहा हूं. इसका मतलब यह नहीं है कि मैं प्रधानमंत्री पद के सपने देख रहा हूं.' उन्होंने साफ़ किया कि जेडीयू छोटी पार्टी है और बिहार के लोगों की ही सेवा करती रहेगी.

लालू पर हालिया भ्रष्टाचार के आरोपों पर कहा, 'लालू यादव परिवार पर बीजेपी ने भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. लालू जी इसका जवाब भी दे चुके हैं. अगर किसी के पास कोई तथ्य है तो उन्हें कोर्ट में जाना चाहिए.'

ईवीएम पर अलग राय को लेकर नीतीश ने कहा, वैलेट पेपर का जमाना लद गया है. ईवीएम ठीक है. ईवीएम को लेकर अगर कोई सुझाव आए तो उसपर जरूर ध्यान देना चाहिए. नीतीश ने यह भी साफ़ किया कि वो लालू यादव की पार्टी आरजेडी के साथ सरकार चला रहे हैं. इसका मतलब यह नहीं कि आरजेडी की विचारधारा उनकी पार्टी की भी विचारधारा है.