कुलभूषण की फांसी रोकने पर अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में सुनवाई जारी

पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा पर रोक लगाने वाली अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (ICJ) में सुनवाई शुरू हो गई हैँ। इस सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के फैसले के खिलाफ भारत दलील दे चुका है। भारतीय समय अनुसार 1 बजकर 30 मिनट से भारत अपना पक्ष रख शुरू किया था और उन्हें 90 मिनट का समय मिला। अब पाकिस्तान अपना पक्ष रख रहा है। इस मामले में भारत ने वियना समझौते का हवाला देते हुए जाधव की फांसी पर रोक लगाने की मांग की है। नीदरलैंड के हेग में संयुक्त राष्ट्र के प्रधान न्यायिक अंग आईसीजे के पीस पैलेस के ग्रेट हॉल ऑफ जस्टिस में सुनवाई हो रही है।

1- पाकिस्तान सभी कानूनी सहायता और अधिकार कुलभूषण जाधव को दे, उसे फांसी न दी जाए

2- आईसीजे के दायरे में आकर ही इस मामले पर पाकिस्तान कोई निर्णय ले

3- पाकिस्तान ऐसा कुछ न करे जिससे भारत की संप्रभुता, जाधव के सम्मान और अंतर्राष्ट्रीय कोर्ट के सम्मान को चोट पहुंचे.

मामले की शुरुआत में भारत न अपना पक्ष रखते हुए कहा कि जाधव को ईरान से अगवा किया गया था और उस पर दबाव डालकर बयान लिया गया। वरिष्ठ वकील साल्वे ने कहा कि भारत चाहता है कि जाधव पर दिए गए फैसले को रद्द किया जाए। जाधव से मिलने के लिए भारत की ओर से कई बार अपील की गई थी, लेकिन पाकिस्तान ने भारत के निवेदन को बार-बार खारिज कर दिया।

भारत ने 8 मई को अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत में याचिका दायर कर 46 वर्षीय कुलभूषण जाधव के लिए न्याय की मांग की थी। भारत का कहना है कि पाकिस्तान ने पूर्व नौसैनिक अधिकारी से राजनयिक संपर्क के लिए दिए गए 16 आवेदनों की अनदेखी कर वियना संधि का उल्लंघन किया। आईसीजे ने भारत की याचिका पर हेग अदालत ने मामले की सुनवाई तक पाकिस्तान से कुलभूषण की फांसी की सजा पर रोक लगाने को कहा था। हालांकि पाकिस्तान ने हेग अदालत के फैसले को नहीं मानने का निर्णय लिया है।

पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने पिछले महीने जाधव को कथित तौर पर जासूसी और विध्वंसक गतिविधियों के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान ने जाधव के परिवार द्वारा वीजा के लिए किए गए आवेदन पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। जाधव को पिछले साल 3 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

भारत और पाक 18 साल बाद एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) में हैं। इस बार मामला कुलभूषण जाधव को पाक द्वारा फांसी की सजा सुनाने के खिलाफ भारत द्वारा आईसीजे का दरवाजा खटखटाये जाने का है, जबकि 18 साल पहले इस्लामाबाद ने अपने एक विमान को मार गिराए जाने के बाद न्यायालय से हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। 10 अगस्त 1999 को कच्छ क्षेत्र में भारतीय वायुसेना ने एक पाकिस्तानी समुद्री टोही विमान एटलांटिक को मार गिराया था। विमान में सवार सभी 16 नौसैनिकों की मौत हो गई थी। पाक का दावा था विमान को उसके वायुक्षेत्र में मार गिराया गया और उसने भारत से 6 करोड़ अमेरिकी डॉलर के मुआवजे की मांग की थी। हेग अदालत की 16 जजों की पीठ ने 21 जून 2000 को 14-2 से पाकिस्तान के दावे को खारिज कर दिया था।