लैंड यूज बदलने वाले अफसर भी आएंगे जांच के दायरे में

लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ जी की सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम से भ्रष्टाचारियों में हड़कंप मच गया है। सरकार संकल्प पत्र के वायदे पूरा करने की दिशा में तेजी से आगे बढ रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण से एक खास परिवार और कुछ नौकरशाहों के पक्ष में हुई लैंड यूज बदलने की कार्रवाई रद्द कर सरकार ने ये साफ संदेश दे दिया है कि भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में कोई भी बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वो कितना भी प्रभावशाली क्यों ना हो। ऐसे अफसरों के खिलाफ जांच भी की जाएगी जिन्होंने नियमों को ताक पर रखकर लैंड यूज बदलने की कार्रवाई की थी।

प्रदेश प्रवक्ता श्री त्रिपाठी ने कहा कि सरकार बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ दिया है। इस अभियान के तहत ही सरकार ने विकास प्राधिकरणों में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं। इसके अलावा रिवर फ्रंट घोटाले, जेपीएनआईसी घोटाले, हेरिटेज जोन घोटाले, एक्सप्रेस-वे घोटाले, समाजवादी पेंशन घोटाले और यूपीएसआईडीसी घोटाले की भी जांच शुरू कर दी गई है। इतना ही नहीं खनन में भी पारदर्शिता के लिए नीति तैयार कर ली गई है। ठेके पट्टों में पारदर्शिता के लिए ई टेंडरिंग लागू कर दी गई है। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार के आरोपी सोनभद्र और मिर्जापुर के बीएसए को निलंबित करने के साथ ही कानपुर की आरटीओ सुनीता सिंह व उनके पति दिनेश कुमार वर्मा, यूपीआरएनएन के जीएम एसए शर्मा और सेल्स टैक्स के अफसर केशव लाल के खिलाफ भी भ्रष्टाचार के मामले में कड़ी कार्रवाई की गई है। योगी सरकार का एक ही मंत्र है कि भ्रष्टाचारियों और अपराधियों पर कठोरतम् कार्यवाही से 15 वर्षो के भ्रष्ट सिस्टम को दुरूस्त कर जनकल्याणकारी बनाया जा सके।

श्री त्रिपाठी ने कहा कि लखनऊ विकास प्राधिकरण में नियमों को ताक पर रखकर जिस तरह एक खास परिवार और कुछ नौकरशाहों के प्लाटों का लैंड यूज बदला गया था उससे हर कोई हैरान था। इस फैसले से राजस्व का नुकसान तो हुआ ही था, आम लोगों में भी इस फैसले से नाराजगी थी। मामले की जानकारी होते ही सरकार ने लैंड यूज बदलने का आदेश खारिज कर ये संदेश दे दिया है कि भ्रष्टाचारियों से किसी भी तरह की नरमी नहीं दिखाई जाएगी। और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।