नई दिल्ली: फर्जी कंपनियों और मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया और देश के विभिन्न हिस्सों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की. प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग के दो अलग-अलग मामलों में बेंगलुरु से जी. धनंजय रेड्डी को और चेन्नई से के. लियाकत अली को गिरफ्तार किया.

पंजाब में करोड़ों रुपये के कृत्रिम मादक पदार्थ रैकेट मामले में 61 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति कुर्क की गई, जबकि छत्तीसगढ़ में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के निलंबित अधिकारी बी.एल.अग्रवाल की 36 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. अग्रवाल पर विभिन्न फर्जी बैंक खातों के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है. मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सूरत के हवाला कारोबारी अफरोज फट्टा और उसके सहयोगियों की पांच करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई.

ईडी के एक अधिकारी ने दो लोगों की गिरफ्तारी की जानकारी देते हुए आईएएनएस से कहा कि रेड्डी ने 20 से अधिक फर्जी कंपनियां बना रखी थीं और संदिग्ध तरीके से ऋण लिए. ईडी के एक अधिकारी ने कहा, 'बेंगलुरू से इंजीनियरिंग में स्नातक जी.धनंजय रेड्डी को 20 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाने और धोखाधड़ी कर बैंकों से कर्ज लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.' अधिकारी ने बताया कि रेड्डी को युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया से धोखाधड़ी कर फर्जी दस्तावेजों के सहारे 70 करोड़ रुपये लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

रेड्डी को बेंगलुरु की एक अदालत में पेश किया गया, जहां उसे दो दिन की हिरासत में ईडी को सौंप दिया गया. दूसरे मामले में के. लियाकत अली को चेन्नई से गिरफ्तार किया गया. लियाकत को फर्जी कंपनी और फर्जी दस्तावेजों के सहारे विदेशों में धन भेजने के आरोप में गिरफ्तार किया गया. अधिकारी ने कहा, 'उसने इंडियन बैंक की चेन्नई स्थित एक शाखा से आठ फर्जी कंपनियों के नाम पर भारत से बाहर 78 करोड़ रुपये भेजे. बैंक द्वारा सूचित किए जाने के बाद सीमा शुल्क अधिकारियों ने उसके घर पर छापेमारी कर उसे गिरफ्तार किया.'

अधिकारी ने बताया कि लियाकत और उसका भाई इलियास पीर मोहम्मद ने यह पूरी साजिश रची. उन्होंने फर्जी कंपनियां – गैलेक्सी इंपेक्स, ग्रीन इंटरनेशनल और स्नो सिटी एंड कंपनी – बनाकर बैंकों में खाते खुलवाए थे.

उन्होंने कहा, 'उसने कई अचल संपत्तियों के फर्जी दस्तावेज बैंक को दिए और कई फर्जी कंपनियों के नाम पर कर्ज लिए. रेड्डी के खिलाफ काला धन से जुड़े तीन मामले दर्ज किए गए हैं. वह विदेशों में बनाई गईं अपनी फर्जी कंपनियों को रुपये भेजता था और उस धन का उपयोग अपनी ही कंपनियों के बीच फर्जी कारोबार में इस्तेमाल करता था.' प्रवर्तन निदेशालय ने छत्तीसगढ़ के निलंबित अधिकारी बी.एल.अग्रवाल की 36 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। अग्रवाल पर कथित तौर पर फर्जी बैंक खातों के माध्यम से धनशोधन का आरोप है. कुर्क की गई संपत्ति अग्रवाल तथा रायपुर स्थित प्राइम इस्पात लिमिटेड की है, जो उनके भाइयों की कंपनी है.

अग्रवाल ने कुछ बैंक अफसरों की मदद से रायपुर की यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में ग्रामीणों के नाम पर 446 बेनामी बैंक खाते खोले थे. एजेंसी ने कहा, 'खातों में जमा पैसे फर्जी कंपनियों को स्थानांतरित किए गए और बाद में उन कंपनियों ने इन पैसों को भारी भरकम प्रीमियम वाले शेयरों के रूप में प्राइम इस्पात लिमिटेड में निवेश कर दिया.' पैसों का इस्तेमाल कंपनी की फैक्ट्री, इमारत, जमीन तथा मशीनरी व अन्य अचल संपत्तियों को खरीदने के लिए किया गया. एजेंसी ने कहा कि पैसे बेनामी बैंक खातों से 13 फर्जी कंपनियों को स्थानांतरित किए गए, जिसे निवेश के माध्यम से अग्रवाल संचलित करते थे.

इस बीच, पंजाब में करोड़ों रुपये के ड्रग रैकेट में ईडी ने अमृतसर के कारोबारी जगजीत सिंह चहल तथा उनके परिजन की 61.61 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की. कुर्क की गई संपत्तियों में शोरूम, कृषि भूमि, मकान तथा सात लग्जरी कारें हैं. राज्य के कई राजनीतिज्ञों के खिलाफ धनशोधन के पहलू के तहत जांच में ईडी अब तक 95 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क कर चुकी है. फर्जी कंपनियों के माध्यम से फट्टा तथा उसके साथियों ने विदेशी कंपनियों में 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि का निवेश किया. ईडी ने बीते एक अप्रैल को 16 राज्यों के 100 से अधिक परिसरों में 300 फर्जी कंपनियों के खिलाफ छापेमारी को अंजाम दिया.