काबुल: काबुल स्थित अफगानिस्तान के सबसे बड़े सैन्य अस्पताल पर बुधवार (8 मार्च) को डॉक्टरों की भेष में हमला करने वाले आतंकवादियों के साथ सुरक्षाकर्मियों की छह घंटे चली मुठभेड़ में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। हमले की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है जो अफगानिस्तान में अपना असर बढ़ा रहा है। इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने एक प्रामाणिक टेलीग्राम खाते से भेजे अपने वक्तव्य में सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल में किये गये हमले की जिम्मेदारी ली है।

राजधानी के वजीर अकबर खान इलाके के दो असैन्य अस्पतालों के निकट स्थित 400 शैया वाले यह सैन्य सरदार मोहम्मद दाउद खान अस्पताल पर आतंकवादी हमले में 50 अन्य घायल हो गए। विस्फोटों और गोलियों की आवाज से राजधानी काबुल का राजनयिक इलाका दहल गया। अस्पताल के वार्डों में छिपे दहशतजदा मेडिकल स्टाफ ने सोशल मीडिया पर मदद के लिए हताशा भरे संदेश डाले। टीवी फुटेज में दिखाया गया कि मेडिकल स्टाफ में से कुछ सबसे ऊपर वाली मंजिल की खिड़कियों के छज्जे पर शरण ले रखी थी।

अस्पताल के एक कर्मचारी ने फेसबुक पर लिखा, ‘हमलावर अस्पताल के अंदर हैं। हमारे लिये दुआ कीजिये।’ अस्पताल प्रशासकों ने एएफपी को बताया कि विस्फोट के बाद चिकित्सकों के सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारी अस्पताल में घुस आये जिससे वहां अफरातफरी मच गयी। अस्पताल प्रशासक अब्दुल हाकिम ने एएफपी को टेलीफोन पर जल्दबाजी में बताया, ‘हमलावर हर जगह गोलियां चला रहे हैं। हम स्थिति को नियंत्रण में करने की कोशिश कर रहे हैं।’ जब अफगान विशेष बल हमलावरों को काबू में करने की कोशिश कर रहे थे तो कम से कम दो अन्य तेज धमाकों की आवाज सुनी गयी।

अस्पताल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा, ‘यह एक आपराधिक कृत्य है। अस्पतालों पर हमले को किसी भी तरह न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। हम इन अपराधियों को कभी माफ नहीं करेंगे। दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से इस हमले में कुछ लोग मारे गये। चिकित्सकों के भेष में हमलावरों ने पीछे के गेट से प्रवेश किया।’ अस्पताल के प्रशासकों ने बताया कि एक फिदाई हमलावर ने बैकडोर प्रवेश पर खुद को उड़ा दिया जिसके बाद डॉक्टरों सा सफेद कोट पहने तीन बंदूकधारियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी की आवाज के बाद अस्पताल में सारे लोग इधर उधर भागने लगे।

रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता दौलत वजीरी ने एएफपी को बताया, ‘आज के हमले में 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई और तकरीबन 50 घायल हो गए।’ वजीरी ने बताया, ‘ज्यादातर पीड़ित मरीज, डॉक्टर और नर्स हैं। अफगानिस्तान के मुख्य कार्यकारी अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने हाल के हमलों के बारे में कहा, ‘यह एक आपराधिक कार्रवाई है। कोई भी चीज अस्पतालों पर हमले का औचित्य नहीं जता सकता।’

अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम कभी इन अपराधियों को माफ नहीं कर सकते। बदकिस्मती से, इस हमले में कुछ हताहत हुए।’ यह हमला ऐसे समय में किया गया है जब गर्मियों में तालिबान के हमले शुरू होने से पहले ही उसके आतंकवादियों के हमले बढ़ गये हैं। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि एक फिदाई हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा दिया जबकि एक अन्य हमलावर को सुरक्षा कर्मियों ने ढेर कर दिया। इस संघर्ष में एक सुरक्षाकर्मी की मौत हो गई है जबकि तीन अन्य घायल हो गए।

सुरक्षा बलों ने सैन्य अस्पताल की घेरेबंदी कर दी है जबकि अफगान सरकार के हेलीकॉप्टर इलाके के ऊपर चक्कर लगा रहे हैं। इस बीच, इस्लामिक स्टेट समूह ने सैन्य अस्पताल पर हमले की जिम्मेदारी ली और दावा किया कि इस हमले के पीछे उसके लड़ाके हैं। समूह ने एक प्रामाणिक टेलीग्राम खाते के मार्फत अपने वक्तव्य में कहा, ‘इस्लामिक स्टेट के घुसपैठियों ने काबुल के सैन्य अस्पताल पर हमला किया।’ अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अपने संबोधन में इस हमले की निंदा की और इसे ‘सभी अफगान पुरुषों और सभी अफगान महिलाओं’ पर हमला बताया।