लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल एवं कुलाधिपति राम नाईक ने उच्च शिक्षा को अधिक पारदर्शी एवं एकरूप बनाने के लिये प्रदेश के सभी राज्य विश्वविद्यालयों में डिजिटाईजेशन-कम्प्यूटराइजेशन प्रक्रिया के अधिक से अधिक प्रयोग पर जोर दिया है। राज्यपाल द्वारा उच्च शिक्षा को अधिक पारदर्शी बनाने हेतु आॅनलाइन प्रक्रिया के अधिकाधिक प्रयोग पर बल देते हुये प्रो0 विनय पाठक, कुलपति, डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ की अध्यक्षता में एक दो सदस्यीय समिति का गठन भी किया गया है जिसमें प्रो0 सुरेन्द्र दूबे, कुलपति, बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झाँसी तथा श्री सुदीप बनर्जी विशेष कार्याधिकारी (आई0टी0) राजभवन, लखनऊ को नामित किया गया है।

इसी क्रम में राजवीर सिंह राठौर विशेषकार्याधिकारी (शिक्षा) एवं सुदीप बनर्जी विशेष कार्याधिकारी (आई0टी0) राजभवन द्वारा 21 फरवरी, 2017 को डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ एवं 27 फरवरी, 2017 को लखनऊ विश्वविद्यालय का निरीक्षण किया गया। राज्यपाल ने शीघ्र ही अन्य विश्वविद्यालयों के निरीक्षण करने के भी निर्देश दिये हैं।

डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ के निरीक्षणोपरांत सदस्यों ने प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में सुझाव देते हुये कहा है कि सम्बद्ध महाविद्यालयोें से उत्तर पुस्तिकाओं को प्राप्त करने हेतु अपनाई जा रही वर्तमान प्रक्रिया के स्थान पर यह प्रावधान किया जाये कि सम्बद्ध महाविद्यालय के स्तर पर ही विषयवार कोडिंग करके एक लिफाफे में तथा उपस्थिति शीट को संलग्न करते हुए दोनों को दूसरे लिफाफे में विश्वविद्यालय को प्रेषित किया जाये ताकि साॅर्टिंग (Sorting) में होने वाली गलतियों एवं इसमें लगने वाले समय की भी बचत हो। प्रवेश, परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया पर पुरानी एवं नई प्रणाली पर आने वाले व्ययभार का तुलनात्मक विवरण उपलब्ध कराया जाये। महाविद्यालयों की रैंकिंग के सन्दर्भ में मानकों का समावेश आॅनलाइन प्रणाली में हो जिससे छात्र को काउन्सिलिंग के समय ही महाविद्यालयों के तुलनात्मक विश्लेषण के पश्चात चयन में आसानी हो। मास्टर डेटा को सर्वर में पूर्ण करने के पश्चात ही उत्तर पुस्तिकाओं को कटिंग एवं प्रोसेसिंग के लिए भेजा जाये।

सदस्यों ने लखनऊ विश्वविद्यालय के निरीक्षण से संबंधित रिपोर्ट में सुझाव दिये हैं कि वर्तमान सत्र में जिन शिक्षकों द्वारा विषय विशेष के प्रश्न पत्र निर्धारित किये गये हैं मात्र उन्हीं से परीक्षा पुस्तिकाओं का मूल्यांकन न कराया जाये। परीक्षा प्रश्न पत्र की प्रोसेसिंग व्यवस्था को तत्काल सुदृढ़ किया जाये। परीक्षा साफ्टवेयर में इंगित की गयी खामियों को दूर करवाना तथा थर्ड पार्टी वेण्डर द्वारा छात्रों के संवेदनशील डेटा का संरक्षण तथा प्रोसेसिंग को विश्वविद्यालय में ही करवाया जाये। प्रवेश, परीक्षा एवं मूल्यांकन प्रक्रिया पर पुरानी एवं नई प्रणाली पर आने वाले व्ययभार का तुलनात्मक विवरण उपलब्ध कराया जाये। वर्तमान सत्र में मूल्यांकन कार्य में लगे शिक्षकों की सूची उपलब्ध करायी जाये। आगामी शैक्षिक सत्र 2017-18 की सम्पूर्ण प्रवेश प्रक्रिया आॅनलाइन सुनिश्चित की जाये तथा इसे आधार से लिंक किया जाये। आगामी सत्र 2017-18 से यह सुनिश्चित किया जाये कि पाठ्यक्रम निर्धारण से लेकर मूल्यांकन उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के दृष्टिगत अधिकाधिक शिक्षकों का उपयोग किया जाये तथा आत्मनिर्भर होने की दिशा में अपना तकनीकी तंत्र विकसित करे। इस संबंध में यदि आवश्यक हो तो तकनीकी परामर्श डाॅ0 ए0पी0जे0 अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय, लखनऊ से प्राप्त किये जा सकते हैं।