सुलतानपुर। समाजवादी पार्टी के इसौली प्रत्याशी की बदजुबानी को लेकर
पार्टी में चल रही रार खत्म होने का नाम नही ले रही। सपा ने जिला पंचायत
अध्यक्ष और उनके पति को पार्टी विरोधी कार्यो में लिप्त होने का आरोप
लगाते हुए निष्कासित कर दिया। हाई कमान की इस कार्यवाही ने आग में घी
डालने का काम कर दिया है।

समाजवादी पार्टी के इसौली प्रत्याशी विधायक अबरार अहमद की बदजुबानी
को लेकर बगावत का सिलसिला थमने का नाम नही ले रहा है। बगावत के चलते ही
प्रत्याशी का पुतला फूंकने के बाद मुख्यमंत्री आवास का घेेराव भी किया
गया था। इसी विरोध के चलते सपा जिला पंचायत अध्यक्ष उषा सिंह के पति
समाजसेवी शिवकुमार सिंह और सपा नेता हंसराज यादव ने निर्दल ताल ठोकी है।
इसके अलावा पार्टी प्रत्याशी को लेकर आम मतदाताओं में बगावत की आग जल रही
है। जिसका फायदा अन्य दलों को मिलने से इंकार ने किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर प्रदेश सचिव अरविंद कुमार सिंह ने
सपा जिला पंचायत अध्यक्ष उपा सिंह और उनके पति शिवकुमार सिंह को पार्टी
से 6 साल के लिए निकाल दिया है। उधर शिवकुमार सिंह का कहना है कि उन्हे
हर वर्गों का सहयोग मिल रहा है। उनकी सीधी लड़ाई सपा से है। जिस तरह
मुलायम और अखिलेश के बीच लड़ाई चल रही थी और पिता को हारना पड़ा। उसी तरह
यहां भी बाप हारेगा और उनकी जीत होगी। पार्टी प्रत्याशी उनकी लोकप्रियता
से बौखला गए है और उलूल-जुलूल हरकत कर रहे है। जिला पंचायत अध्यक्ष उषा
सिंह का कहना है कि पार्टी से निष्कासन की उन्हे कोई जानकारी नही है।
विधानसभा चुनाव में उनके पति शिवकुमार सिंह की निश्चित ही जीत होगी। उधर
प्रत्याशी से नाराज कुछ और सपाईयों ने बगावत का बिगुल बजा दिया है।
सूत्रों के मुताबिक एक कददावर नेता ने बसपा के राष्ट्रीय महासचिव
नसीमुददीन सिददीकी से मुलाकात कर बसपा प्रत्याशी शैलेन्द्र त्रिपाठी को
जिताने का दम्भ भरा है। ऐसे में सपा प्रत्याशी अबरार अहमद की मुश्किले
बढ़ती ही जा रही है

जिला पंचायत अध्यक्ष पति शिवकुमार सिंह समाजसेवी क्षवि के चलते चुनावी
मकाबले में आ गए है। उन्हे मुस्लिम वोट बैंक का समर्थन भी मिल रहा है।
इससे सपा की खटिया खड़ी होनी तय मानी जा रही है।