लखनऊ: बी.एस.पी. की राष्ट्रीय अध्यक्ष, सांसद (राज्यसभा) व पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश मायावती ने बीजेपी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा सपा सरकार के ‘‘बबुआ‘‘ मुख्यमंत्री पर किये जा रहे कटाक्ष व विरोध आदि को केवल जनता की आँखों में धूल झोंकने वाला बताते हुये कहा कि इस बारे में वास्तविकता तो यही है कि सपा व बीजेपी आज भी अन्दर-अन्दर मिले हुये हैं और प्रदेश की आमजनता को सावधान रहकर इनकी बरगलाने वाली बातों में नहीं आना चाहिये।

मायावती ने आज यहाँ जारी एक बयान में कहा कि बीजेपी व प्रधानमंत्री नेरन्द्र मोदी प्रदेश सपा सरकार के वर्तमान ‘‘बबुआ‘‘ मुख्यमंत्री के ‘‘शाही समाजवाद‘‘ के बारे में तथा सरकार के विफलताओं के बारे में तो तथ्यपूर्ण आंकड़े दे रहे हैं वे प्रदेश सरकार को बर्खास्त करने के लिये काफी होने चाहिये थे। परन्तु केन्द्र की बीजेपी सरकार अपनी संवैधानिक जिम्मेदारियों का निर्वहन नहीं करते हुये पूरे समय खामोश रही और अब चुनाव के समय में कोरी बयानबाजी करके जनता की आँखों में धूल झोकने का काम कर रही हैं। लेकिन जनता अब और इनके बरगलाने में आने वाली नहीं है।

मायावती ने कहा कि सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव द्वारा कल अपने सम्बोधन में यह कहना कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने वाली है, यह भी साबित करता है कि सपा-भाजपा की आपसी मिलीभगत है। हालांकि इसी प्रकार के बयान उन्होंने बिहार बिधानसभा के पिछले आमचुनाव के दौरान भी दिया था, लेकिन बिहार के चुनाव में बीजेपी की जो दुर्गति है वह देश व दुनिया के सामने है।

इसके अलावा, कन्नौज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आज के भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुये सुश्री मायावती जी ने कहा कि वैसे तो सस्ती लोकप्रियता व वाहवाही लूटने का प्रयास करने के मामले में वर्तमान समाजवादी पार्टी की सरकार के मुखिया का कोई जवाब नहीं है, परन्तु अब ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी भी इस होड़ में बड़ी मुस्तैदी से शामिल हो गये हैं और प्रदेश में विधान परिषद के स्नातक क्षेत्र से मात्र तीन सीटों में से दो सीट बरकरार रखने को भी इस चुनाव के समय में राजनीतिक तौर से बार-बार याद करके उसे भुनाने में लग गये हैं।

इसी प्रकार 104 सेटेलाइट एकसाथ ले जाकर नया कीर्तिमान स्थापित करने के लिये भारतीय वैज्ञानिकों को बी.एस.पी. की तरफ से भी शत्-शत् बधाई, परन्तु भारतीय लोगों को मिलने वाली अमरीकी एचआईबी वीजा में नयी परेशानी व भारतीय रुपयों की अमरीकी डॉलर के मुकाबले गिरती हुई कीमत जैसे राष्ट्रीय चिन्ताओं के बारे में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार अपने कर्तव्य व जिम्मेदारियों के बारे में देश को किसी भी प्रकार से आश्वस्त नहीं कर पा रही है, यह गंभीर चिन्ता की बात है और केन्द्र की विफलता का प्रतीक भी है।