लखनऊ: केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने सपा-कांग्रेस गठबंधन पर बोलते हुए कहा कि माइनस प्लस माइनस बराबर माइनस होता है। वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार से कहा है कि वह लखनऊ के व्यापारी श्रवण साहू की हत्या की सीबीआई से जांच कराने की सिफारिश करे, केंद्र उस पर अमल करेगा। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनने के बाद सिफारिश की जाएगी और फिर केंद्र सरकार श्रवण की हत्या की जांच सीबीआई से कराएगी।

राजनाथ सिंह शुक्रवार को यहां बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय श्रवण साहू के परिजनों को यूपी की पुलिस पर भरोसा नहीं है। इसीलिए वह सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। यूपी सरकार इंसाफ पसंद नहीं है, इसलिए श्रवण की हत्या की जांच सीबीआई से कराने से कतरा रही है।

केंद्रीय मंत्री ने यूपी की बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि नेशनल क्राइम ब्यूरो ने देश के अन्य राज्यों की तुलना में यूपी को सर्वाधिक क्राइम वाला प्रदेश बताया है। जहां रोज औसतन 13 हत्याएं और 9 बलात्कार की घटनाएं होती हैं। इसी तरह यहां सपा सरकार में हुए सांप्रदायिक दंगों में 66 जानें जा चुकी हैं।

उन्होंने जाटों के आरक्षण और हरियाणा में जेल में बंद जाटों के बारे में कहा कि हरियाणा सरकार इन सभी समस्याओं का हल निकाल लेगी। मैं जाट बाहुल्य क्षेत्रों में सभा करके आया हूं। वहां हमारी पार्टी को अद्भुत समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उन्होंने चुनाव की घोषणा के बाद से अब तक 23 चुनावी सभाएं की हैं। इसी तरह अन्य राज्यों को मिलाकर 35 सभाएं की हैं। ऐसी स्थिति में यह दावे के साथ कहा जा सकता है कि यूपी में भाजपा की स्पष्ट ही नहीं पूर्ण बहुमत की सरकार बनने जा रही है।

राजनाथ सिंह ने सपा-कांग्रेस गठबंधन को अवसरवादी गठबंधन करार देते हुए कहा कि दोनों ही कमजोर हैं। अंकगणित के हिसाब से माइनस प्लस माइनस बराबर माइनस ही आएगा।

उन्होंने कहा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने अखिलेश के कांग्रेस से हाथ मिलाने को अनुचित कहा था और कहा था कि जिस कांग्रेस के खिलाफ वह जिन्दगी भर लड़ते रहे और कांग्रेस के खिलाफ ही उन्होंने सपा बनाई थी, उसी पार्टी के उत्तराधिकारी ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया। उन्होंने कांग्रेस को भी आड़े लेते हुए कहा कि कांग्रेस को स्मृतिलोप हो गया है। जो कांग्रेस कल तक 27 साल यूपी बेहाल कह रह थी, आज वही बेहाल के लिए जिम्मेदार सपा के साथ हाथ मिला रही है।

बसपा को घेरते हुए सिंह ने कहा कि वह चुनाव में हारी हुई लड़ाई लड़ रही है। इसीलिए वह संप्रदाय के आधार पर लोगों से वोट मांग रही है। लेकिन तथाकथित धर्मनिरपेक्ष पार्टियां तो सांप्रदायिक पार्टी बताकर भाजपा को नाहक बदनाम करती रहती हैं।