पन्तनगर। कर्तव्यबोध की भावना समाज में एक दुसरे को समझनें में मदद करती है । समर्पण भाव से ही शिक्षक कर्तव्यों का पालन करतें है । छात्रों के प्रति आत्मीयता से जुडनें पर जीवन की सहजता ईमानदारी से कर्त्तव्य-पालन में मिलती है । कार्यपद्धति में सकारात्मक सोच और कर्तव्यों के पालन के साथ ही शिक्षक पीढ़ियां तराशने का कार्य कर सकता है । कर्त्तव्य बोध की भावना व्यक्ति-परिवार-समाज- सभी में जागृति होगी तो देश महान बनेगा । कर्त्तव्य-बोध से तात्पर्य है-आत्मप्रेरणा से संवेदनापूर्वक अपने दायित्वों का निर्वहन करना। शिक्षक का दायित्व है सोयें हुए समाज को लगातार जगायें रखनें की ।

उक्त बातें सरस्वती शिशु मंदिर सभागार, पंतनगर विशवविद्यालय में राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड कुमायूं संभाग द्वारा आयोजीत कर्तव्यबोध दिवस पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री ओमपाल सिंह ने मुख्य वक्ता के रूप में कही । उन्होंने आगे कहा कि शासन को भी शिक्षा से जुड़े कार्यों के निर्वहन की ओर ही ध्यान केन्द्रित करना चाहिए । समस्याओं का स्थाई समाधान चाहिए तो देश की शिक्षा में संस्कार, चरित्र निर्माण, नैतिकता, सामाजिक समरसता, राष्ट्रीयता, मानवता को सम्मिलित करना होगा | देश के सम्पूर्ण सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, एवं सांस्कृतिक ताने बाने को पथ भ्रष्ट होने व प्रदूषित होने से बचाने के लिए राष्ट्रीय अस्मिता, भारतीय जीवन मूल्यों, मानव एवं चरित्र निर्माण, सामाजिक सरोकार एवं नवाचार से युक्त शिक्षा पद्धति की पुनः संरचना की जाए |

कर्तव्यबोध दिवस की प्रस्तावन रखते हुए सरदार भगत सिंह महाविद्यालय रूद्रपुर के डॉ डी के पी चौधरी ने कहा की कर्तव्यों के निर्वहन से ही सकारात्मक समाज और भावी पीढ़ी को आदर्श व्यस्था प्रदान की जा सकती है । भारतीय जीवन मूल्यों से ओत-प्रोत शिक्षा व्यवस्था का निर्माण करना आज की महती आवश्यकता है|
विशिष्ट अतिथि पंतनगर विशवविद्यालय के प्रो प्रभाशंकर शुक्ल ने कहा कि शिक्षक अपने कर्तव्यबोध एवं गुरुधर्म का पालन करें। देश के सभी कर्मचारी संवर्ग में शिक्षक के प्रति समाज की निगाहें आशा एवं अपेक्षापूर्ण हैं। देश का शिक्षक अपने कर्तव्य के प्रति समर्पण की भावना से कार्य करेगा तो उसका प्रभाव उसके शिष्यों पर अवश्य पड़ेगा।

अध्यक्षता करते हुए पंतनगर विशवविद्यालय के प्रो कामेंद्र सिंह ने कहा की समाज के कल्याण के लिए सभी कर्तव्यों का पालन करें । सरकारों की लापरवाही के कारन शिक्षक के निर्वहन की स्थिती चिंताजनक है । दुर्गुणों से प्रयत्न पूर्वक बचाना चाहिए ।

शैक्षिक महासंघ उत्तराखंड कुमायूं संभाग के संयोजक डॉ हरनाम सिंह ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा की महासंघ का यह स्थाई कार्यक्रम है जो प्रति वर्ष कर्तव्य बोध पखवाड़ा स्वामी विवेकानन्द जी की जयंती से सुभाष चन्द्र बोश की जयंती तक मनातें है । हम महाविद्यालयीय परम्पराओं के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वाह करें तो उससे बड़ा कोई धर्म नहीं है।

आभार ज्ञापन पशु विज्ञान विभाग, पंतनगर विशवविद्यालय के डॉ सुनील कुमार ने किया जिसमें प्रमुख रूप से प्रो ब्रजेश सिंह, डॉ विनोद कुमार, डॉ धीरेन्द्र कुमार सिंह, प्रो नागेन्द्र , डॉ एस के सिंह, विवेक अग्रवाल, घनश्याम रजवार, आत्मा राम प्रधानाचार्य शिशु मंदीर मुख्य रूप से उपस्थित रहे।