नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के लोढ़ा समिति के सुधारों को लागू करने के आदेश के बाद राष्ट्रीय चयन पैनल में चयनकर्ताओं की संख्या कम होना तय है और ऐसे में गगन खोड़ा और जतिन परांजपे को अपने पद छोड़ने होंगे क्योंकि वे तय शर्तों को पूरा नहीं करते।

लोढ़ा सुधारों के मुताबिक सीनियर चयनसमिति तीन सदस्यीय होनी चाहिए और उसमें सभी टेस्ट खिलाड़ी होने चाहिए। बीसीसीआई ने सितंबर में जब चयन पैनल घोषित किया था तब अब बर्खास्त किए गए अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के ने लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को नजरअंदाज कर दिया था क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने तब तक अपना अंतिम फैसला नहीं दिया था।
नई समिति का कभी कोई औपचारिक अनुबंध नहीं रहा। ऐसे में अब इंग्लैंड के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए एमएसके प्रसाद, देवांग गांधी और शरणजीत सिंह टीम का चयन करेंगे। ये सभी पूर्व टेस्ट खिलाड़ी हैं। टीम का चयन 5 जनवरी को होगा। लोढ़ा समिति की शर्तों के मुताबिक बीसीसीआई की सीनियर सिलेक्शन पैनल में केवल टेस्ट क्रिकेटर होने चाहिए। खोड़ा ने दो वनडे और परांजपे ने चार वनडे खेले हैं और इस तरह से वे सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त समिति द्वारा तय की गई शर्तों को पूरा नहीं करते।

संयुक्त सचिव अमिताभ चौधरी ने कहा, 'मुझे अभी देखना होगा कि नए नियम क्या होंगे। अमूमन सचिव सीनियर टीम का समन्वयक होता है। उनकी अनुपस्थिति में संयुक्त सचिव बैठक बुलाता है।' बोर्ड के अधिकारियों का मानना है कि खोड़ा और परांजपे के अब तक के अच्छे काम को देखते हुए उन्हें प्रतिभा समन्यवक बनाया जा सकता है। इसके लिए टेस्ट क्रिकेटर होना जरूरी नहीं है और खोड़ा और परांजपे इसमें फिट बैठ सकते हैं।