सुलतानपुर: नोटबंदी के बाद से बैंकों में कैश संकट में बैंक कर्मचारियों की उदासीनता से दूर-दूर से कोहरे व ठंड में सुबह से आए लोगों का आक्रोश बढ़ रहा है। शनिवार को सूरापुर में बैंक आफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक से नाराज महिला उपभोक्ताओं ने बैंक का बाहरी शटर गिरा कर ताला बंद कर दिया।

ग्राहकों का आरोप था बैंक कर्मचारी परिचितों को अन्दर बुला कर कैश दे देते हैं। अपरिचित लोग सुबह से कतारबद्ध होते हैं, बाद में कैश खत्म बता कर काउंटर बंद कर दिया जाता है।

जौनपुर से 12 किमी दूर ईशापुर से आई खुशबू पांडेय ने बताया कि मंगलवार से प्रतिदिन साइकिल से सुबह आठ बजे आती हूं और बिना कैश लिए चली जाती हूं। अपने चहेतों व परिचितों को तो कैश दे देते हैं, जब हम लोगों का नम्बर आता है तो कैश ही खतम हो जाता है। आठ किमी दूर धारूपुर से आने वाली शीला दीक्षित ने कहा कि तीन दिन से दौड़ा रहे हैं। बैंक प्रबंधक परिचितों को अंदर कर चैनल बंद कर देते हैं।

सात किमी दूर नोनरा से आई केशा देवी ने कहा कि पांच दिन से बताया जाता है कैश नहीं है, वहीं शाम को परिचितों को कैश दिया जाता है। मझगवां गांव की बेइला देवी के बच्चे की तबियत खराब है इलाज के लिए पैसे नहीं है, मंगलवार से बैंक का चक्कर लगा रही हैं।

बाहर खड़े एसपी मौर्य, अरुण सिंह और अमित जायसवाल आदि ने शाखा प्रबंधक की कार्यशैली को अव्यावाहारिक बताते हुए कहा कि माना बैंक में कैश नहीं है। लेकिन चैनल में ताला बंद कर देने से दूर-दूर से आई महिलाएं व पुरुष कहां जाकर बैठें और कैश आने का इंतजार करें। जिनको जमा करना है, आरटीजीएस करना है सब लोग परेशान हो रहे हैं।

वहीं शाखा प्रबंधक आशुतोष जायसवाल का कहना है कि बैंक में कैश न होने के कारण चैनल बंद कर लिया जाता है। जमा करने वालों के लिए बाहर खिड़की से काम किया जा रहा है।