लखनऊ: समाजवादी परिवार में चल रही वर्चस्व की जंग के बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का कहना है कि वह बुंदेलखंड से चुनाव लड़ने को तैयार हैं। उन्हें वहां से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव बुंदेलखंड के लोगों ने भेजा है। यह प्रस्ताव वह नेताजी के पास भेजेंगे। मुख्यमंत्री ने यह बात शुक्रवार को यहां हुए एक समारोह में कही।

सीएम ने कहा कि वैसे तो वह अभी विधान परिषद सदस्य हैं, लेकिन अगर चुनाव लड़ने को कहा जाता है तो वह इसके लिए तैयार हैं और वैसे भी बुंदेलखंड से अभी तक कोई सीएम नहीं हुआ है। काम व हालात हमारे पक्ष में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार के काम व हालात उनके पक्ष में हैं और उन्हें भरोसा है कि सपा की पूर्ण बहुमत की सरकार बनेगी।

उन्होंने कहा कि जनता उनके विकास कार्यों, मोदी सरकार के काम व नोटबंदी तीनों मुददों के आधार पर वोट देगी। सीएम ने कहा कि नोटबंदी से जनता नाराज है। मुस्कुराते हुए कहा कि हम तो चाहते हैं कि वह (भाजपा) इसी तरह के (नोटबंदी जैसे) और फैसले लें। अगर एक साथी और जुड़ जाए तो क्या दिक्कत ? गठबंधन के सवाल पर सीएम ने दोहराया कि वह तो अकेले भी सरकार बनाने के लिए आश्वस्त हैं और अगर कांग्रेस साथ आती है तो तीन सौ सीटें आएंगी। अब इस पर नेताजी को फैसला लेना है।

उन्होंने बसपा के इस आरोप से से इंकार किया कि सपा जीत के प्रति आश्वस्त नहीं है और इसीलिए गठबंधन की बात कर रही है। हम तो सरकार बनाने के लिए आश्वस्त है लेकिन अगर एक साथी और जुड़ जाएं तो क्या दिक्कत है। सीएम ने भाजपा की इशारा करते हुए कहा कि राजनीति में कुछ भी हो सकता है अभी तो चुनाव का ऐलान भी नहीं हुआ है। सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले अब पता नहीं क्या कर दें।

अपने परिवार के बाहरी लोगों की ओर इशारा करते हुए कहा बीच के लोग गड़बड़ करते हैं इसलिए उनसे बात छुपाने के लिए गठबंधन पर कोई बात सामने नहीं आ रही है। ऐसी राय हमारे यहां भी तो हो? मुख्यमंत्री से पूछा गया कि राहुल गांधी ने अपने लोगों से कहा है कि अखिलेश की लीडरशिप में वह मिल कर चुनाव लड़ने को तैयार हैं। अखिलेश ने कहा, ‘यह राय तो उनकी है यही राय हमारी पार्टी की भी तो हो? जब तक राय नहीं बनेगी तो बात सामने कैसे आएगी।