लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पिछले 5 साल में समाजवादी सरकार ने प्रदेश में कैपिटल इन्वेस्टमेण्ट को बड़ी मात्रा में बढ़ाया है। बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य, शिक्षा और पेयजल आदि क्षेत्रों में प्रदेश सरकार ने उदाहरण पेश करने वाले काम किये हैं। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से विकास गतिविधियां तेजी से बढ़ती हैं। इसलिए बुनियादी ढांचे को बेहतर करने पर खास ध्यान दिया गया है। राज्य सरकार अपनी नीतियों, कार्यक्रमों और योजनाओं के माध्यम से प्रदेश को तेजी से विकास पथ पर ले गयी है। समाजवादी सरकार ने परियोजनाओं को समय से पूरा करके भी देश के सामने उदाहरण प्रस्तुत किया है।
मुख्यमंत्री आज यहां होटल ताज विवान्ता में आयोजित एक मीडिया ग्रुप के काॅन्क्लेव उत्तर प्रदेश’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे।

इस मौके पर श्री यादव ने कहा कि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण से केवल देश और प्रदेश की राजधानियां ही नहीं जुड़ीं बल्कि अनेक शहर और गांव भी जुड़े हैं। इसके किनारे जो मण्डियां बन रही हैं उससे किसानों और ग्रामीण इलाकों की अर्थव्यवस्था को बहुत लाभ होगा। समाजवादी सरकार ने प्रदेश में डी0एम0आई0सी0 फ्रेट काॅरिडोर के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैया कराकर बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए काम किया है। बुनियादी ढांचे को मजबूत करने से विकास गतिविधियां तेजी से बढ़ती हैं। इसीलिए समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के रूप में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे को आगे बढ़ाकर सुल्तानपुर, आजमगढ़ होते हुए गाजीपुर-बलिया तक ले जाया जा रहा है। इससे प्रदेश के पूर्वी इलाके में भी आर्थिक गतिविधियां बढेंगी और इस क्षेत्र का विकास सम्भव हो पाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजनीति में आज जो बदलाव आया है उसमें जनता चाहती है कि देश विकास के रास्ते पर तेजी से आगे बढ़े। इसलिए सरकारों को लोगों के जीवन में खुशहाली लाने वाले फैसले लेते रहना चाहिए। वर्तमान राज्य सरकार को केन्द्र सरकार से ज्यादा अवार्ड मिले हैं। यह तभी सम्भव हुआ है जब प्रदेश सरकार का काम काज बेहतर हुआ है। आज देश की जनता भी मानती है कि समाजवादियों ने उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है। प्रदेश के गरीब, किसान, मजदूर चाहते हैं कि उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार फिर से सत्ता में आये। काम और परिस्थितियां दोनों समाजवादियों के साथ हैं। उत्तर प्रदेश में फिर से समाजवादी सरकार बनेगी।

श्री यादव ने कहा कि नोटबंदी से पहले केन्द्र सरकार ने कोई तैयारी नहीं की, जिससे आम जनता को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। आने वाले समय मंें रोजगार की कमी के कारण लोगों की कठिनाइयां और भी बढ़ सकती हैं। नोटबंदी के अपने उद्देश्यों में असफलता के चलते अब उसका लक्ष्य कैशलेस अर्थव्यवस्था के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है, जबकि इसके लिए भी कोई तैयारी नहीं है। समाजवादी सरकार द्वारा निःशुल्क वितरित किये गये लैपटाॅप और आने वाले समय में दिये जाने वाले स्मार्टफोन ही देश की अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाने में मदद करेंगे।