सुलतानपुर। अधिवक्ता विजय प्रताप हत्याकांड को लेकर चल रही हड़ताल अब अधिवक्ताओं के गले की फांस बन रही है। लम्बा समय बीत जाने के बावजूद उनकी मांगों पर कार्यवाही नही हुई है। बिना मांग माने जाने पर पीछे लौटने को वकील तैयार नही है। वादकारियों और वकीलों का सर्वाधिक नुकसान हुआ है। उधर प्रशासन हड़ताल को तोड़ने के लिए संघ को बाटने की जोड़तोड़ कर रहा है।

दीवानी संघ भवन में अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह की हत्या के प्रकरण में एसोशिएशन के अध्यक्ष अरूण कुमार उपाध्याय के नेतृत्व में सदस्यों की बैठक सम्पन्न हुई। एसोशिएशन के महासचिव राम अछैवर तिवारी ने अब तक की उपलब्धियों व प्रयासों को सदस्यों के समक्ष सिलसिलेवार रखा गया। पूर्व अध्यक्ष प्रेम नाथ पांडेय, महेन्द्र प्रसाद शर्मा, राम शंकर पांडेय पूर्व सचिव आशोक कुमार यादव, गिरजा शंकर दूबे के अतिरिक्त वरिष्ठ अधिवक्ता कौशल किशोर तिवारी, राजेश्वर सिंह, राम बहादुर सिंह, विनोद कुमार गुप्ता आदि लगभग 40 दिनों से चल रहे अनवरत आन्दोलन पर िंचंता व्यक्त करते हुए उपलब्धियों पर असंतोष जाहिर किया फिर भी सभी ने पदाधिकारियों द्वारा किये गये प्रयास पर प्रसन्नता भी जाहिर किया, कहा कि इतने लम्बे आंदोलन के बाद मांगे न पूरी होने पर न्यायिक कार्य पर वापस जाना दुख और शर्म की बात है। सभी ने यह भी आश्वासन दिया कि हम सभी एसोशिएशन के साथ है। हर सम्भव लड़ाई लड़ी जायेगी। प्रदेश महासचिव अच्छे राम यादव ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में मुख्यमंत्री को प्रतिनिधि मंडल से मिलना होगा। नही तो मजबूरन मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर आत्मदाह भी कर सकते है। एसोशिएशन के अध्यक्ष ने प्रस्ताव पारित किया कि 12 दिसम्बर से 14 दिसम्बर तक प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री से मिलने व उच्च न्यायालय से न्याय पाने का प्रयास करेगा। मांगे न पूरी होने पर 16 दिसम्बर को कोर्ट के सभी गेटो पर तालाबंदी होगी।

शुक्रवार को संघ की बैठक में कई अधिवक्ता हड़ताल खत्म करने के मूड में दिखे। जिनका अन्य अधिवक्ताओं ने विरोध किया। जिससे हड़ताल खत्म होने के समर्थन में लगे अधिवक्ता पीछे हट गए।

अधिवक्ता हत्याकांड के आरोपी जितेन्द्र प्रताप को रिमांड पर लिए जाने के बाद हत्या में शामिल शूटरों का सुराग लग चुका है। सूत्रों के मुताबिक शूटर पुलिस के रडार पर भी है। पुलिस उन्हे पकड़ने के लिए जाल भी बिछाई थी। हालाकि गिरफतारी में सफलता नही मिल सकी। उधर जिलाधिकारी एसराज लिंगम ने अधिवक्ता के परिवार को आर्थिक सहायता देने, शस्त्र लाईसेंस देने व सुरक्षा की जिम्मेदारी लेने का आश्वासन दिया है। बावजूद इसके अधिवक्ता हड़ताल खत्म करने का नाम नही ले रहे है।