लखनऊः मनुष्य का विकास शिक्षा से होता है। शिक्षा मनुष्य को अन्य प्राणियों से अलग पहचान देती है। सभ्य समाज की दृष्टि से शिक्षा का बहुत महत्व है। 2011 की जनगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में साक्षरता दर कई अन्य प्रदेशों की तुलना में कम है। शिक्षा के क्षेत्र से जुडे़ लोगों को सारे देश में शिक्षा का प्रतिशत कैसे बढे़ और जिन्हें शिक्षा नहीं मिल पा रही है उन्हें कैसे शिक्षित किया जाये, इस पर विचार करने की जरूरत है। साक्षरता बढ़ाने में आज का आयोजन अत्यन्त महत्वपूर्ण है।

उक्त विचार उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक आज साक्षरता निकेतन की हीरक जयंती समारोह में व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री श्री अहमद हसन, इण्डियन लिटरेसी बोर्ड के अध्यक्ष श्री गोपबंधु पटनायक, इण्डियन एडल्ट एजुकेशन बोर्ड के अध्यक्ष डाॅ0 वी0 मोहन कुमार सहित बड़ी संख्या में शिक्षाविद्, छात्र-छात्रायें एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

श्री नाईक ने साक्षरता निकेतन की संस्थापिका स्वर्गीया डाॅ0 वेल्दी फिशर को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि गांधी जी के कहने पर डाॅ0 फिशर ने भारत में साक्षरता अभियान चलाया। आजादी के बाद सर्व शिक्षा अभियान एवं शिक्षा का अधिकार के बाद भी बहुत कुछ करने की जरूरत है। साक्षरता भवन में स्थित प्रार्थना भवन की बात करते हुए उन्होंने कहा कि डाॅ0 फिशर ने प्रार्थना भवन के चार द्वार बनवाये जो इस बात के सूचक हैं कि बिना किसी धार्मिक भेदभाव के शिक्षा के द्वार सबके लिए खुले हैं। उन्होंने कहा कि संगोष्ठी के बाद यदि आयोजक उन्हें कोई प्रस्ताव भेजेंगे तो वे राज्य सरकार और राष्ट्रपति के माध्यम से केन्द्र सरकार को संगोष्ठी के निष्कर्षों को अवश्य भेजेंगे।

बेसिक शिक्षा मंत्री श्री अहमद हसन ने कहा कि गांधी जी की प्रेरणा से डाॅ0 फिशर ने साक्षरता निकेतन की स्थापना की। गांधी जी ने देश के लिए जो भी किया उसे भुलाया नहीं जा सकता। देश एवं प्रदेश की नयी चुनौतियों का मिलकर सामना करें। उन्होंने कहा कि देश के विकास में शिक्षा की अहम भूमिका है।
कार्यक्रम में श्री गोपबंधु पटनायक ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर श्री एच0एस0 बोला, डाॅ0 मृदुला सेठ, डाॅ0 राजेश टण्डन, सुश्री मारिया खान सहित अन्य शिक्षाविदों को नेहरू लिटरेसी अवार्ड एवं टैगोर लिटरेसी अवार्ड से सम्मानित भी किया गया। राज्यपाल ने साक्षरता निकेतन में लगायी गयी हस्त शिल्प प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया।