लखनऊः उत्तर प्रदेश के राज्यपाल श्री राम नाईक ने आज लोकभवन में आयोजित उत्तर प्रदेश सिविल सेवा संघ (प्रशासकीय संघ) के वार्षिक अधिवेशन 2016 के समापन समारोह में संघ के सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जनतांत्रिक व्यवस्था में चुनाव महत्वूपर्ण अंग है। आने वाले समय में प्रदेश में विधान सभा के चुनाव होने हैं। मतदाता, सरकार और राजनैतिक दलों के बीच अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। संविधान और कानून के तहत काम करें। चुनाव में अपने दायित्व का निर्वहन कुशलता और प्रमाणिकता से करें। उत्तर प्रदेश आबादी के लिहाज से विश्व के कई राष्ट्रों से भी बड़ा है। मतदाता भी ज्यादा हैं जो एक चुनौती भी है। अधिकारी पारदर्शी चुनाव के लिए आवश्यक घटक हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रक्रिया सफलता से पूरी कराने में अधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान होता है।

राज्यपाल ने कहा कि सरकार की रीढ़ की हड्डी होते हैं प्रांतीय सेवा के अधिकारी। जनहित के लिए चलायी जा रही सरकार की नीतियों को प्रमाणिकता से अमल में लायें। अपनी कार्यक्षमता के आधार पर सरकार और जनता के बीच वे एक प्रभावी कड़ी हैं। अपने दायित्वों को ऐसे सम्पादित करें कि सरकार और जनता आपके काम को महसूस करे। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव के समक्ष प्रांतीय सेवा के अधिकारियों ने अपनी कुछ मांगे रखी हैं। वे इस संबंध में मुख्यमंत्री से समन्वय करके उनकी बात को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे।

श्री नाईक ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उनके सुझाव पर मुख्यमंत्री ने अपने नये कार्यालय का नाम लोकभवन रखा। उन्होंने यह भी कहा कि जहाँ मंत्रियों का कार्यालय है उसे मंत्रालय होना चाहिए जबकि सचिवालय उसे कहा जा सकता है जहाँ सचिव एवं अन्य अधिकारियों का कार्यालय हो। राज्यपाल ने अपने अनुभव बताते हुये कहा कि 62 साल पहले उन्होंने बी0काम0 किया। पहली सरकारी नौकरी महालेखाकार कार्यालय में की। विधि की पढ़ाई की तथा बाद में सरकारी नौकरी छोड़कर प्राईवेट नौकरी की। जनप्रतिनिधि एवं मंत्री रहते हुये उन्हें सरकारी अधिकारियों के साथ कार्य करने का भी अनुभव है और राज्यपाल के नाते नजदीक से अनुभव प्राप्त करने का अवसर मिला है। उन्होंने अधिकारियों को चरैवेति! चरैवेति!! के महत्व को समझाते हुए कहा कि जीवन में आगे चलते रहने से सफलता प्राप्त होती है। राज्यपाल ने संघ के समस्त अधिकारियों को राजभवन में उनकी सुविधानुसार चाय पर भी आमंत्रित किया।

इस अवसर पर उत्तर प्रदेश सिविल सेवा संघ (प्रशासकीय संघ) के अध्यक्ष श्री उमेश प्रताप सिंह ने स्वागत उद्बोधन दिया। उन्होंने बताया कि प्रांतीय सेवा का गठन 1885 में हुआ था। यह सेवा प्राचीन सेवाओं में से एक है। उन्होंने यह भी बताया कि 9 वर्ष बाद उत्तर प्रदेश सिविल सेवा संघ के वार्षिक अधिवेशन का आयोजन किया गया है। समारोह में महासचिव श्री पवन गंगवार ने भी अपने विचार रखे। समापन समारोह में राज्यपाल ने संघ के महासचिव श्री पवन गंगवार के काव्य संग्रह ‘माटी के पंख’ तथा श्री दिनेश चन्द्र चैहान की पुस्तक का भी विमोचन किया।