लखनऊ: सेंटर फॉर एन्वॉयर्नमेंट एंड एनर्जी डिवेलपमेंट (सीड) ने यूपी में कार्यरत सिविल सोसाइटी के साथ मिलकर आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पर्यावरण आधारित जनता का चुनावी घोषणा पत्र जारी किया। जनता का यह चुनावी घोषणा पत्र 100% यूपी कैंपेन के तहत लॉन्च किया गया। यह कैंपेन इस महीने की शुरुआत में लॉन्च किया गया था, जिसका मकसद रिन्यूएबल एनर्जी को ऊर्जा का मुख्य स्रोत बनाने के साथ ही साफ हवा, साफ पानी और प्रभावी वेस्ट मैनेजमेंट के जरिए राज्य में दीर्घकालिक विकास करना है।

अनियंत्रित विकास और तेजी से हो रहे शहरीकरण ने उत्तर प्रदेश में विनाश पैदा कर दिया है, जो भारत में सबसे अधिक प्रदूषित राज्य है और दुनिया के 20 सबसे प्रदूषित शहरों में से चार उत्तर प्रदेश में हैं। बदलता हुआ पर्यावरण आधुनिक युग का सबसे बड़ा संकट हो गया है, जिसने इस राज्य को खासा प्रभावित किया है, क्योंकि यहां की अधिकांश जनसंख्या की स्थिति असुरक्षित और आर्थिक तौर पर कमजोर है। 2005 की एक रिपोर्ट बताती है कि पूरे भारत में उत्तर प्रदेश राज्य में कार्बन डाई ऑक्साइड सबसे अधिक उत्सर्जित होती है, जो पूरे देश का 14 फीसदी है। यहां की साढ़े आठ करोड़ जनसंख्या, जिसमें 50 लाख लोग शहरी इलाकों के हैं, बिना आधुनिक बिजली के रह रही है। बेहतर सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट की कमी ने इस संकट में और भी इजाफा किया है, जिसका विपरीत प्रभाव लोगों के रहन-सहन के स्तर और उनके स्वास्थ्य पर पड़ा है और इसकी वजह से प्राकृतिक स्रोत जैसे जमीन, पानी और हवा की उपलब्धता में कमी आई है।
चुनावी घोषणा पत्र जारी करने के दौरान 100% यूपी कैंपेन के बारे में बात करते हुए सीड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) श्री रमापति कुमार ने कहा कि पिछले कई दशकों से उत्तर प्रदेश का विकास असंतुलित हुआ है। हालांकि पिछले कुछ वर्षों में यूपी ने नए अवसरों के साथ अप्रत्याशित विकास देखा है, लेकिन इसी के साथ पर्यावरण भी बेहद खराब हो गया है। कोई भी राज्य अपने नागरिकों के लिए बेहतर जीवन शैली तब तक मुहैया नहीं करवा सकता, जबतक उसके आस-पास का वातावरण सुरक्षित न हो। यही वो वक्त है, जब हमें अपनी हवा, अपनी नदियों और अपनी जमीन को प्राथमिकता के आधार पर बचाने की जरूरत है, जिससे कि राज्य के लाखों लोगों का जीवन और उनकी आजीविका सुरक्षित हो सके। यह सिर्फ कुछ एक्टिविस्ट्स का पर्यावरण का एजेंडा नहीं है, बल्कि यह एक सामाजिक और राजनैतिक एजेंडा भी है, जिसे राज्य की सभी राजनैतिक पार्टियों को अंगीकृत करना होगा।

कार्यक्रम में नेता, बड़ी राजनैतिक पार्टियों के प्रवक्ता, सिविल सोसाइटी के सदस्य, शिक्षक, यूनिवर्सिटी के छात्र, पत्रकार और लखनऊ के अन्य क्षेत्रों से सम्मानित लोग मौजूद थे। कांग्रेस, भाजपा, सपा, रालोद और पीस पार्टी के साथ ही यूपी की सभी बड़ी राजनैतिक पार्टियों ने 100% यूपी कैंपेन का समर्थन किया और 2017 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों में अपने राजनैतिक घोषणा पत्र के एक हिस्से के तहत पर्यावरण के मुद्दे पर जनता की ओर से जारी किए गए घोषणापत्र को शामिल करने पर अपनी सहमति जताई।

100% यूपी कैंपेन एक ऐक्शन कैंपेन है, जिसका मकसद 10 लाख लोगों तक पहुंचकर उन्हें साफ हवा, साफ पानी, साफ उर्जा और वेस्ट मैनेजमेंट के सही तरीकों के लिए प्रेरित करना है, जिससे वो राजनैतिक पार्टियों से मांग कर सकें कि आने वाले 2017 के यूपी चुनाव में पार्टियां इन मुद्दों को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें। 100% यूपी कैंपेन पूरे राज्य में जा रहा है और वहां ओपेन हाउस डिस्कशन, वर्कशॉप, संसदीय चर्चाएं, नुक्कड़ नाटक और अन्य मीडिया इवेंट आयोजित कर रहा है। इन कार्यक्रमों के जरिए यह कैंपेन अलग-अलग तरह के सिविल सोसाइटी ग्रुप, युवाओं के समूह, राजनेताओं, पत्रकारों और यूपी के नागरिकों से जुड़कर राजनैतिक पार्टियों को उनकी पर्यावरण संबंधी मांगें बताने के लिए उनका समर्थन जुटा रहा है। 100% यूपी कैंपेन सीड और केयर फॉर एयर के नेतृत्व में 350 सिविल सोसाइटी समूहों का एक संयुक्त अभियान है।

केयर फॉर एयर की एकता शेखर ने कहा कि हम अब और देर नहीं कर सकते हैं और हमें तुरंत ही पर्यावरण को बचाने के लिए प्रभावी कदम उठाने होंगे। हर गुजरते दिन के साथ यूपी का पर्यावरण और भी खराब होता जा रहा है और इस स्थिति को संभालने के लिए सरकार को तत्काल ही प्रभावी कदम उठाने चाहिए।