नई दिल्ली: देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने विजय माल्या की बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स को दिए 1,200 करोड़ रुपये के कर्ज़ को अपनी बही के बट्टे खाते (वह कर्ज़, जिसकी वसूली संभव न हो) में दर्ज कर लिया है.

बैंक ने कहा कि किंगफिशर को दिया कर्ज़ उसी प्रकार के अन्य कर्ज़ों सहित एडवांसेज़ अंडर कलेक्शन एकाउंट्स (एयूसीए) कैटेगरी में डाल दिया गया है. बैंक के मुताबिक, इस कदम से अपने बहीखातों से डूब चुके कर्ज़ को हटाया जा सकता है, और इसके बावजूद उसकी वसूली की कोशिशें जारी रखी जा सकती हैं.

एसबीआई सहित किंगफिशर एयरलाइन्स के सभी लेनदारों को लगभग 6,000 करोड़ रुपये के कर्ज़ों की वसूली में दिक्कतों का सामना करना पड़ा है, और इसमें मुश्किलें इसलिए भी बढ़ गईं, क्योंकि विजय माल्या देश में मौजूद नहीं हैं. 'लिकर किंग' कहलाने वाले माल्या इसी साल मार्च में देश से बाहर चले गए थे, जब कर्ज़ों की वसूली के लिए बैंक व वित्तीय घपलों की जांच में जुटी सरकारी एजेंसियां उनके पीछे थीं.

कर्ज़ लेते वक्त गिरवी रखी गई संपत्तियों में विजय माल्या का गोवा स्थित शानदार किंगफिशर विला भी शामिल है, जिसके लिए एसबीआई को अभी तक कोई खरीदार नहीं मिला है.

विजय माल्या के कर्ज़ को बट्टे खाते में डाले जाने की ख़बर उस समय सार्वजनिक हुई, जब संसद में 500 और 1,000 रुपये के नोटों को पिछले हफ्ते अचानक बंद किए जाने से जनता को हो रही दिक्कतों के मुद्दे पर बहस हो रही थी. विपक्षी दलों ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि करोड़ों रुपये की देनदारी वाली बड़ी मछलियों को बचकर निकल जाने दिया जा रहा है, जबकि आम आदमी को नकदी की भारी किल्लत से जूझना पड़ रहा है.