नई दिल्ली: नोटों की कमी के कारण परेशानियां बढ़ने के बीच आज संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया। राज्यसभा में नोटबंदी का मुद्दा प्रमुखता से उठाया गया। राज्यसभा में समाजवादी पार्टी से निष्काषित नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि अपने ही पैसे को लेकर आम आदमी आज भिखारी बन गया है।

रामगोपाल यादव फैसले पर व्यंग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने पेड़ तो आम का लगाना चाहा था, लेकिन वो बबूल का निकल गया। प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद मैं टीवी देखकर बाहर आया तो मेरे बच्चों ने पूछा कि पापा क्या बात है, मैंने कहा कि बात ये है कि सामने खान मार्केट है लेकिन जेब में सब्ज़ी खरीदने के पैसे नहीं हैं। आदमी अपने ही पैसे को लेकर भिखारी बन गया है। अगर पैसे से ही चुनाव जीता जाता तो कांग्रेस नहीं हारती। चुनाव जनता के दिल से जीता जाता है। अब बैंकों के पास पुलिस को लगाना पड़ा है। सब गरीब आदमी लाइनों में लगे हैं, अधिकतर महिलाएं हैं। नौकरी छोड़कर सब लाइन में खड़े हैं। ये प्रचार किया जा रहा है कि ये नोट कॉपी नहीं हो सकता लेकिन ये कॉपी हो भी चुका है। इसमें चिप लगी होने की खबर आ रही है, अगर ऐसा होता तो अमेरिका ने चिप पहले ही लगा दी होती। ये गोयल साहब बोल रहे थे कि लोग प्रसन्न हैं, लेकिन ये आज गांव में चले जाएं तो महिलाएं बेलन से पीठ ऐसी कर देंगी, मैं मज़ाक नहीं कर रहा हूं ये सच्चाई है।