सामग्री फेविकॉल डिजाइन आइडियाज से ,रंग की एक बूंद भी किसी निर्जीव या बेनूर कमरें को आश्चर्य जनक तरीके से चमकदार और जीवन्त बना सकती है। हालांकि रंगों को लेकर काम करना भी एक भारी अनुभव की बात है। आप कहां से शुरू करेंगे? डॉस एण्ड डॉट्स क्या होंगे? यदि आप अपने घर की भीतरी सज्जा को और रंगों की छाप छोड़ना चाहते हैं तो यहां 5 नियम बताए जा रहे हैं जिनका आपको एक साथ पालन करना होगा।

नियम 1 60-30-10 नियम का प्रयोगः

हर सुन्दर डिजाइन किए गए कमरे को तीन अनुपातिक हिस्सों 60-30-10 में विभाजित किया जाए। इसलिए जब किसी कमरे विशेष की सजावट की जाए तो उसके रंगों को इन तीन अनुपातों में बांटना चाहिए

60 प्रतिशत डॉमिनेट अर्थात प्रभावी रंग

30 प्रतिशत सेकेण्डरी यानी द्वितीय कलर

10 प्रतिशत एक एसेन्ट कलर के रूप में

60 प्रतिशत प्रभावी रंग कलर थीम को जोडता है। 30 प्रतिशत सेकेण्डरी रंग विजुअल इंटरेस्ट और शेष 10 प्रतिशत एसेंट कलर थोड़ी बहुत चमक के लिए होता है।

नियम 2 प्रेरणा के लिए कलर व्हील उपयोग में लें

किसी कमरे अथवा पूरे घर का सही रंग संयोजन का चयन करना काफी कठिन कार्य है। इसके लिए आप कलर व्हील का उपयोग कर इसे काफी सरल कर सकते हैं और अपनी विकल्पों को सीमित कर सकते हैं। एक पूरक रंग संयोजन से रागों का चयर प्रत्येक कलर व्हील से किया जा सकता है, जेसे कि लाल और हरा, नीला और पीला या बैंगनी और नारंगी रंग। कमरों को पूरक रंग संयोजन का रूझान रंगों की एक स्पष्ट पृथकता प्रदर्शित करता है जो कि काफी औपचारिक एंव परोक्ष चुनौतीपूर्ण हैं।

एक अनुरूप रंग योजना के तहत हर अगले रंग के बाद कलर व्हील का उपयोग कर चुना जा सकता है, जैसे पीला और हरा, नीला या हल्का नीला, लाल या नारंगी। कमरों में अनुरूप रंग संयोजन आम तौर पर अधिक आरामदायक, तथा रंगाई के मामले में मद्धिम रहना चाहिए।

नियम 3 प्रकृति से प्रेरणा लें

यह मत समझिए कि किस रंग को किस के साथ यह कौनसे रंग की वेल्यू/शेड/टोन को एक साथ काम में लिया जाना चाहिए और किस प्रकार रंग संयोजन सुख दायक बनाया जा सकता है? अपने घर की भीतरी हिस्सों को बाहरी दुनिया के मूल्यों के समान रंग बदलें, आखिरकार आंतरिक डिजाइन में मूलतः हमारा प्रयास प्रकृति के अनुसार लाना होता है जोकि केवल एक महान रंगसाज ही कर सकता है!

नियम 4 मौसमी रंगों को प्राथमिकता दें

10 प्रतिशत उद्दात यानी एसेंट रगों का उपयोग समय समय पर परिवर्तन के लिए किया जा सकता है। यह रंग रसता को बनाए रंखने का एक अच्छा माध्यम और और तरीका भी। मौसमी रंग विविधता आपकी सजावट को और चमकदार बनाने का तरीका है। मंद होने वाले रंग जैसे मस्टर्ड येलो, गेरूआ और भूरा रंग जगह को शांत और गौण बना देते हैं, जो कि आराम के लिए उपयुक्त हैं। वहीं दूसरी तरफ वासंती रंग उस स्थान को और स्पष्ट तथा और अधिक उभारते हैं, गुलाबी, बकाइन (लिलिक) और केसरिया पीला रंग कमरे एक सरल और ताजगी का आभास देते हैं। गर्मियों के लिए सुखदायी हल्के रंग और चमकते ज्वैलटोन सर्दियों के लिए उचित होते हैं। यह रंग आसानी से कुशन्स, कालीन तथा अन्य सजावटी एसेसरीज से मेल खाते हैं।

नियम 5 : कॉनट्रास्ट की अनदेखी नहीं करेंः

लो कॉन्ट्रास्ट के मुकाबले हाई कॉन्ट्रास्ट जगह काफी स्पष्ट तथा अधिक अच्छे तरीके से परिभाषित करता है। एक प्रभावी योजना के लिए विपरीत टोन्स की जरूरत होती है, परम्परागत नीला रंग सफेद के साथ, डोव ग्रे के साथ गुलाबी यह सफेद तथा मस्टर्ड के साथ ग्रे या ऑफ व्हाइट के संयोजन को परखा और जांचा जा सकता है। सफेद और ऑफ व्हाइट कई रंगों के साथ शिथिल कर देते हैं आंखों को आराम प्रदान करते हैं वहीं पीले या लाल रंग का छीटा भी ब्लू बैक ग्राउण्ड को काफी उभार दे सकता है। सफेद और काले रंग को ग्रे के साथ प्रयोग करना काफी कम कम महत्वपूर्ण होता है तथा जगह को काफी आरामदायक बना देता है।