नई दिल्ली। देश में 500 और 1000 रुपये के प्रचलित नोट बंद करने और उनकी जगह 500 और 2000 रुपये के नए नोट जारी करने के मोदी सरकार के फैसले पर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने सवाल उठाए हैं। चिदंबरम ने कहा कि सरकार की मंशा अगर ब्लैक मनी को खत्म करने की है तो कांग्रेस को उसका समर्थन है लेकिन इससे ब्लैक मनी खत्म होगी इसपर संशय है।

पी चिदंबरम ने कांग्रेस की आधिकारिक प्रेसवार्ता में कहा कि 1978 में जनता पार्टी की सरकार ने भी ऐसा ही कदम उठाया था। तब बड़े नोट बंद किए गए थे लेकिन तब 500 रुपये वाकई बड़ी रकम हुआ करती थी। आज पांच सौ रुपये की वो कीमत नहीं है और गरीब लोग भी ये रुपये रखते हैं, जिन्हें सरकार के फैसले से परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि पुराने नोटों के बदले नए नोट देने का काम तेज होना चाहिए खासकर किसानों, छोटे व्यापारियों, गृहिणियों और छात्रों को इससे दिक्कत हो रही है।

चिदंबरम ने कहा कि 500 का नोट खत्म करके यदि 500 का दूसरा नोट जारी किया जाता है तो उससे कौन सा उद्देश्य पूरा होगा। उन्होंने कहा कि 2000 रुपये का नया नोट जारी करना तो एक पहेली जैसा है। भला इससे भविष्य में नई ब्लैकमनी पैदा होने से कैसे रुकेगी। चिदंबरम ने कहा कि चुनौती अब ये है कि कितनी जल्दी पुराने नोटों को नए नोटों में बदला जाता है ताकि अर्थव्यवस्था में कोई अवरोध पैदा न हो।

उन्होंने कहा कि सरकार खुद मान चुकी है कि उसे विदेशों में जमा काला धन बाहर लाने में कोई सफलता नहीं मिली। जहां तक देश में मौजूद काला धन बाहर लाने का सवाल है तो पहले ऐसा कैश रहता था लेकिन अब ये पैसा निर्माण, ज्वेलरी, शेयर मार्केट में लग चुका है। उन्होंने कहा कि देश में छुपा हुआ कैश कितना है इसका जवाब सरकार ही दे सकती है। उन्होंने कहा कि लोग चुनावों के समय पैसा बाहर निकालते हैं लेकिन मुझे नहीं पता कि लोग ये पैसा बैग भरकर घरों में छुपाए रखते हैं।