सुलतानपुर। भारतीय युवा कांग्रेस ने ज्ञापन सौपकर अधिवक्ता विजय प्रताप के हत्यारो व वकीलों पर दर्ज मुकदमा हटाने को लेकर ज्ञापन सौपा।

भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष अभिषेक सिंह राणा के साथ तेज बहादुर पाठक, किसन सिंह, राहुल िंसंह, इंतजार अहमद आदि ने मुख्यमंत्री को सम्बोधित ज्ञापन एसडीएम सदर को सौपा। जिसमें कहा कि अधिवक्ता विजय प्रताप हत्याकांड की खबर पर वकील समुदाय जिला अस्पताल पहुचा था। घंटे भर तक कोई
जिम्मेदार अधिकारी बयान लेने नही पहुचा था। आक्रोशित अधिवक्ताओं ने हमलावरों की गिरफ्तारी शीघ्र करने व अधिवक्ता के परिजनों को आर्थिक सहायता मुहैया कराये जाने की मांग को लेकर पुलिस कप्तान व जिलाधिकारी से मुलाकात करना चाहा। जब कोई अधिकारी मिलने को तैयार नहीं हुआ तब नाराज वकीलों ने कलेक्ट्रेट गेट के सामने धरना दे दिया। करीब ढाई घंटै तक शान्तिपूर्ण ढंग से अधिवक्ताओं का धरना चलता रहा। ढाई घंटे बाद जिलाधिकारी व पुलिस कप्तान अधिवक्ताओं के पास पहुचे और उनसे ज्ञापन लिया। तब जाकर अधिवक्ताओं का धरना खत्म हुआ। जिले के पुलिस कप्तान ने अधिवक्ता की हत्या करने वाले शूटरों की गिरफतारी करने व जेल में बैठकर हत्या की साजिश रचने वाले नामजद अभियुक्तों के लिखाफ ठोस कार्यवाही करने के बजाय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष समेत आठ लोगों के खिलाफ नामजद व 50 अज्ञात अधिवक्ताओं के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज करके आग में घी डालने का काम किया। पुलिस अधीक्षक ने अधिवक्ता मीडिया कर्मियों के समाने स्वयं कहा कि मुझे अधिवक्ता विजय प्रताप सिंह के हत्या की साजिश की जानकारी पहले से थी। और मैने उन्हे भी सावधान रहने के लिए कहा था। पुलिस अधीक्षक को जब इस बात की जानकारी थी कि जेल बैठकर उनके दुश्मन उनकी हत्या की साजिश रच रहे है। तो पुलिस अधीक्षक ने अधिवक्ता को पर्याप्त सुरक्षा क्यों नहीं उपलब्ध करायी और पहले से उन्हें जो सुरक्षा मिली थी। उसे क्यों वापस ने लिया तथा हत्या की साजिश रचने वाले अपराधियों के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यो नही की। इन सारे सवालों के जवाब पाने के लिए अधिवक्ता समाज अहिंसात्मक ढंग से आन्दोलन कर रहा है। मांग की गई कि जिले के पुलिस कप्तान के खिलाफ जांच करके उनका स्थानान्तरण किया जाय, अधिवक्ताओं के ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमें वापस लिए जाय, अधिवक्ता विजय प्रताप िंसंह की हत्या में शातिल शूटरों को गिरफतार किया जाय, अधिवक्ता विजय प्रताप िंसंह के परिजनों को 50 लाख आर्थिक सहायता दी जाय, अधिवक्ता कि परिजनों को निशुल्क सुरक्षा मुहैया करायी जाय, हत्या में शामिल नामजद अभियुक्तों को गैर जनपद की जेल में स्थानान्तरित किया जाय।